कोरोना जैसी महामारी में अपनी जान की परवाह किए बिना ग्राहकों को गैस सिलिंडर उपलब्ध करा रहे किसी भी कर्मचारी की अगर कोरोना से मौत होती है, तो आईओसी उसकी पत्नी को पांच लाख रुपये देगी। पत्नी न होने पर यह धनराशि उनके परिजनों को सौंपी जा सकती है । इसके साथ ही कंपनी के इस फैसले से कर्मचारियों ने कंपनी का आभार प्रकट किया है।डॉक्टर, नर्स, सफाई कर्मचारियों और पुलिस के साथ ही गैस एजेंसी के कर्मचारी भी इस संकट में लोगों की सेवा करने में जुटे हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें की अन्य कर्मचारियों की भांति गैस एजेंसी के कर्मचारी भी ऐसे हैं, जो अपनी जान की परवाह न कर लोगों तक निरंतर गैस की आपूर्ति कर रहे हैं। जिससे लोगों के चूल्हे की आंच धीमी न पड़े। इसमें गैस के शोरूम से लेकर गोदाम में काम करने वाले, एलपीजी मैकेनिक, एलपीजी डिलीवरी बॉय, रिटेल आटउलेट कस्टमर अटेंडेंट, ट्रक ड्राइवर, पैक ट्रांसपोर्टर शामिल हैं।चूंकि यह एक दिन में हजारों-लाखों लोगों को गैस की डिलीवरी करते हैं। इसलिए इन कर्मचारियों में संक्रमण का खतरा अधिक है।
इसके साथ ही लिहाजा इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने निर्णय लिया है कि यदि इनमें से किसी भी कर्मचारी की कोरोना के संक्रमण से मौत होती है तो कंपनी कर्मचारी की पत्नी या अविवाहित होने पर उनके परिजनों को पांच लाख रुपये देगी। वहीं कंपनी के सेल्स मैनेजर सुधीर कश्यप ने कहा कि सभी नागरिकों की सेवा करने के लिए कंपनी की ओर से कर्मचारियों की सेवाओं को मान्यता देने के लिए एक कोशिश है।इसके साथ ही कंपनी ने सभी कर्मचारियों को गैस डिलीवरी के दौरान आवश्यक सुरक्षा अपनाने की अपील की है।
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