भोपाल: मध्य प्रदेश में कोरोना का कहर लगातार जारी है. वहीं अब 21 दिन का लॉकडाउन पूरा होने के बाद आज से इसका फेज-2 शुरू हो गया है. 3 मई (19 दिन) तक चलने वाले इस दूसरे दौर के लॉकडाउन से पहले ही प्रदेश में मरीजों की संख्या में बड़ा इजाफा भी हुआ है. प्रदेश के 52 में से 25 जिलों में संक्रमण फैल चुका है. इंदौर के बाद भोपाल के हालत भी चिंताजनक होते जा रहे हैं. हालात कम्युनिटी ट्रांसमिशन की स्थिति बयां कर रहे हैं. लेकिन, प्रशासन अभी भी मानने तैयार नहीं है. इंदौर की टाटपट्टी बाखल के बाद भोपाल के जहांगीराबाद इलाके से प्रशासन ने चार दिन में पांच हजार सैंपल लेने का लक्ष्य रखा है. ये वही इलाका है जहां निजामुद्दीन की मरकज से आए जमातियों का सबसे ज्यादा मूवमेंट था. प्रदेश में अब तक 761 कोरोना संक्रमित हैं. 53 की मौत हो गई है. जबकि 45 मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं.
दूसीर और, आज से इंदौर, भोपाल और उज्जैन को छोड़कर बाकी जिलों में गेहूं खरीदी की शुरूआत हो रही है. उज्जैन के ग्रामीण इलाकों में किसानों को गेहूं बेचने की छूट दी गई है. किसानों को इसकी सूचना एसएमएस से दी जाएगी. सरकार ने किसानों से अनुरोध किया है कि एसएमएस मिलने पर ही वे खरीदी केंद्र पर निर्धारित समय पर आएं. खरीदी केंद्रों पर सैनिटाइजर, साबुन के अलावा स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मौजूद रहेगी.
जानकारी के लिए बता दें की इंदौर में कोरोनावायरस के मरीजों की संख्या 427 पर पहुंच गई है. भोपाल में 160 संक्रमित हैं. प्रदेश के 52 जिलों में से 25 में कोरोनावायरस का संक्रमण पहुंच गया है. नए जिलों में लॉकडाउन के दौरान नए मरीज मिलने से कम्युनिटी ट्रांसमिशन की आशंका जताई जा रही है. प्रदेश में जहां-जहां संक्रमित मिले हैं उनकी हिस्ट्री भी कम्युनिटी ट्रांसमिशन का संकेत दे रही है. वहीं, सरकार की जिस तरह की तैयारी संक्रमित इलाकों में देखने को मिल रही है वह कम्युनिटी ट्रांसमिशन को रोकने जैसी है. लेकिन, सरकार की ओर से अब तक यही कहा जा रहा है कि प्रदेश में अभी कम्युनिटी ट्रांसमिशन जैसे हालत नहीं हैं.
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