लॉकडाउन और कोरोना संकट के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण उत्पन्न असाधारण परिस्थितियों को देखते हुए छात्रों और अभिभावकों को बड़ी राहत दी है. यूपी में सभी बोर्डों के निजी स्कूल इस वर्ष फीस नहीं बढ़ा सकेंगे. कोरोना आपदा के चलते वर्तमान शैक्षिक सत्र 2020-21 में शुल्क बढोतरी पर रोक लगा दी गई है.
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अपने बयान में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि जिन स्कूलों ने विद्यार्थियों से बढ़ी हुई फीस वसूली है वह उसे आगामी महीने की फीस में समायोजित करेंगे. ऐसा न करने पर स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. उप्र स्वावित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क निर्धारण) अधिनियम-2018 के अंतर्गत गठित जिला शुल्क नियामक समिति के समक्ष शिकायत दर्ज करवाई जा सकेगी.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने सोमवार को अपने कार्यालय में फीस के मुद्दे पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की. उन्होंने कहा कि कोरोना आपदा के चलते लाकडाउन के कारण अभिभावकों के रोजगार पर प्रतिकूल असर पड़ा है, ऐसे में उन्हें फीस जमा करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में शैक्षिक सत्र 2020-21 में समस्त बोर्ड जैसे उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड), केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) भारतीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (आईसीएसई), इंटरनेशनल बेक्कलॉरेट (आईबी) और इंटरनेशनल जनरल सर्टिफिकेट आफ सेकेंडरी एजुकेशन (आईजीसीएसई) द्वारा संचालित स्कूलों में फीस नहीं बढ़ाई जाएगी.
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