देशव्यापी लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार के दिशानिर्देश के तहत 20 अप्रैल से सभी राज्यों में लॉकडाउन में सीमित ढील देने के फैसले को पंजाब सरकार ने कर्फ्यू के बीच लागू तो किया लेकिन सोमवार को राज्य में कहीं भी इसका असर दिखाई नहीं दिया. गैर कंटेंनमेंट जोन में भी न तो उद्योगपतियों ने अपने उद्योगों में काम शुरू किया और न ही वह दुकानदार ही घरों से बाहर निकले, जिन्हें लॉकडाउन के दौरान दुकानें खोलने की अनुमति दी गई थी.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमिश्नरों को हॉटस्पॉट और कंटेंनमेंट जोन वाले क्षेत्रों में औद्योगिक गतिविधि की आज्ञा न देने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं. सरकार ने केंद्र के दिशानिर्देशों पर सहमति जताते हुए रविवार को घोषणा की थी कि राज्य के उन क्षेत्रों में उद्योगों और कुछ व्यवसायों संबंधी दुकानों को खोल दिया जाएगा. सरकार ने यह भी साफ कर दिया था कि सूबे में लागू कर्फ्यू पूरी सख्ती से जारी रहेगा, जिन उद्योगों को खोलने की अनुमति दी गई, उनके लिए शर्त थी कि वे कर्मचारियों के खाने-रहने की व्यवस्था करें या आने-जाने की व्यवस्था करें.
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वायरस से उपजी परिस्थिति की वजह से कर्मचारियों के कर्फ्यू पास भी जरूरी किए गए हैं. यह भी शर्त लगाई गई कि अगर किसी उद्योग में कोई कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो उस उद्योग के मालिक को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. सरकार की इन शर्तों का विरोध करते हुए उद्योगपतियों ने सोमवार को फैक्ट्रियां बंद ही रखीं. दूसरी ओर, कर्फ्यू में ग्राहक तो बाहर निकल नहीं सकते थे, इसलिए दुकानदारों ने भी अपने घरों में ही रहना उचित समझा और लॉकडाउन में ढील का फैसला फेल हो गया.
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