देशव्यापी बंद और कोरोना प्रकोप के बीच हरियाणा ने कोरोना के साथ ही आर्थिक संकट से भी निपटना शुरू कर दिया है. मनोहर लाल सरकार अपने वित्तीय संसाधनों से भी राजस्व जुटाएगी. विभागों के सरप्लस फंड व मैच्योर होने वाली एफडी को एक ही जगह निवेश कर ब्याज से खजाना भरने की तैयारी चल रही है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सरकार ने सभी महकमों, बोर्ड, निगमों, उपक्रमों से सरप्लस फंड को वापस मांग लिया है. ये फंड सभी को हरियाणा स्टेट फाइनेंस सर्विसेज लिमिटेड ( एचएसएफएसएल) में जमा कराना होगा. यह प्रदेश सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी है, जो वित्तीय सेवाओं से जुड़े मामले देखती है. सरप्लस फंड अभी विभागों ने अलग-अलग जगह जमा कराए हुए हैं. जिन पर कम ब्याज सरकार को मिल रहा है. इन सारे फंड को एक जगह एकत्रित होने पर केंद्र स्तर की गैर वित्तीय वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) में निवेश किया जाएगा, जिससे सरकार को ब्याज के रूप में बड़ी रकम मिलेगी.
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इसके अलावा सरकार ने भविष्य में मैच्योर होने वाली सभी एफडी को भी हरियाणा स्टेट फाइनेंस सर्विसेज लिमिटेड के जरिए गैर वित्तीय कंपनी में ही जमा कराने का फैसला लिया है. इससे भी सरकार ज्यादा ब्याज हासिल करेगी. अभी विभागों, बोर्ड, निगमों व उपक्त्रस्मों की एफडी अलग-अलग वित्तीय संस्थानों में जमा हैं, जिन पर कम ब्याज आ रहा है. अभी हरियाणा के 23 सार्वजनिक उपक्रमों में से 19 फायदे में चल रहे हैं.
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