आपकी जानकारी के लिए बता दें की कोरोना वायरस पर यदि जून से पहले काबू नहीं पाया गया, तो इसके चलते वैश्विक जीडीपी एक फीसद तक गिर सकती है। इसके अलावा डन एंड ब्रैडस्ट्रीट ने एक रिपोर्ट द्वारा गुरुवार को यह बात कही है। रिपोर्ट के मुताबिक , कोरोना वायरस के प्रकोप से चीन की अर्थव्यवस्था पहले से ही बड़े स्तर पर प्रभावित है और इसका असर वैश्विक कारोबार पर भी पड़ सकता है। ऐसा बताया जा रहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 30 जनवरी को कोरोना वायरस (COVID-19) के प्रकोप को विश्व स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया था।
इसके अलावा आम तौर पर चीनी व्यापारिक गतिविधियों में जनवरी के आखिर में लूनर न्यू ईयर की छुट्टियों के चलते सुस्ती रहती है। इस बार कोरोना वायरस के कारण यह सुस्ती काफी लंबी हो गयी है, जो कि वैश्विक कारोबार को भी प्रभावित कर रही है। आपकी जानकारी के लिए बता दें की अब वैश्विक व्यापार का वापस पटरी पर आना इसी बात पर निर्भर करता है कि कितनी जल्दी कोरोना वायरस पर काबू पाया जा सकता है।
डन एंड ब्रॉडस्ट्रीट ने बताया है कि चीन की आर्थिक गतिविधियों का 90 फीसद उन क्षेत्रों में ही स्थित है, जहां कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रभाव ज्यादा है। रिपोर्ट के अनुसार, ‘चीन की इकोनॉमी पर पड़ने वाला प्रभाव धीरे-धीरे विस्त्रित होकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर असर दिखाने लगेगा और अगर इस वायरस के प्रकोप पर जून तक काबू नहीं पाया गया, तो इसके कारण वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर में लगभग एक फीसद तक की कमी हो सकती है।’
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