शिमला: एकाएक बढ़ा ही जा रहा कोरोना का प्रकोप आज पूरी दुनिया के लिए महामारी का रूप लेता रहा है. वही इस वायरस की चपेट में आने से अब तक 19000 से अधिक मौते हो चुकी है. लेकिन अब भी यह मौत का खेल थमा नहीं है. इस वायरस ने आज पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है. कई देशों के अस्पतालों में बेड भी नहीं बचे है तो कही खुद डॉ. इस वायरस का शिकार बनते जा रहें है. जंहा हिमाचल में 3226 पंचायतों को अपने-अपने क्षेत्र में ग्रामीणों को मास्क और सैनिटाइजर देने के आदेश तो जारी किए हैं, लेकिन अभी तक यह कागजों में ही हैं. सरकार ने हर पंचायत को कोरोना वायरस से बचाव के लिए 14वें वित्तायोग के तहत सैनिटाइजर और मास्क की खरीद के आदेश जारी किए गए हैं, मगर यह बाजार में उपलब्ध नहीं हैं. दूसरी बात यह है कि अगर कहीं उपलब्ध हैं भी तो कर्फ्यू के बीच पंचायत प्रतिनिधि इन्हें लाने में असहाय महसूस कर रहे हैं. सड़कों पर आवाजाही बंद है, कर्फ्यू पास न होने पर पुलिस लोगों को सड़कों पर फटकने तक नहीं दे रही.
सूत्रों का कहना है कि सरकार की ओर से आदेश जारी किए जाने के बाद लोगों का पंचायतों प्रतिनिधियों पर दबाव बढ़ गया है कि वे सैनिटाइजर और मास्क का प्रबंध करें. इस मामले में पंचायत प्रधान और सचिव कुछ नहीं कर पा रहे हैं. जंहा यह भी कहा जा रहा है कि खंड विकास अधिकारियों की ओर से भी पंचायतों को स्पष्ट आदेश नहीं हैं कि वे 14वें वित्तायोग के पैसे कैसे खर्च करें. सैनिटाइजर और मास्क कैसे और किस कंपनी के लिए जाएं.
वहीं इस बात का पता चला है कि इस बारे में पंचायती राज विभाग के संयुक्त निदेशक केवल शर्मा ने बताया कि पंचायतों को सैनिटाइजर और मास्क की खरीद करने के आदेश हैं. कुल्लू और कई अन्य जिलों में यह खरीद शुरू कर दी है. इस बारे में खंड विकास अधिकारियों को आदेश जारी किए हैं. कर्फ्यू की वजह से सप्लाई खत्म हो गई है. इसे सुनिश्चित करेंगे कि यह कैसे संभव होगी.
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