बेंगलुरु : कोरोना कि रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद एक मरीज हॉस्पिटलों के चक्कर ही काटता रहा. उसके फैमिली वालों ने उसे लेकर 5 हॉस्पिटलों में गए लेकिन किसी ने भी उसे एडमिट नहीं किया. एक फ्रेंड की सिफारिश के बाद मरीज को हॉस्पिटल में एडमिशन मिला. अस्पताल में बेड न मिलने की दिक्कत से जूझ रहे मरीज ने स्वस्थ होते ही सबसे पहले खुद का हॉस्पिटल बना दिया ताकि उनकी तरह दूसरे संक्रमितों को दिक्कत न हो. ये मामला कर्नाटक के बेंगलुरु का है.
बेंगलुरु के रहने वाले संजय गर्ग (49) की तबीयत खराब हुई है. पड़ताल के बाद उन्हें 28 जून कोरोना संक्रमित का पता चला. इस बारें में संजय ने बताया है कि उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट होने के लिए बहुत दीखातें झेलनी पड़ी. घरवाले एक हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल के चक्कर काटते रहे लेकिन उन्हें किसी ने एडमिट नहीं किया.
संजय ने इस बारें में बताया कि वह अग्रवाल समाज से जुड़े हुए हैं. वह जैसे ही स्वस्थ होकर लौटे उन्होंने अपने समाज के लोगों से कांटेक्ट किया. उन्होंने कोविड केयर केंद्र बनाने के कार्य क्वारंटाइन रहने के दौरान ही प्रारंभ कर दिया. उन्होंने जिगनी होबली के मीनाक्षी मेडॉस को अग्र सेवा कोरोना केयर केंद्र को 42 बेड का बना डाला. संजय ने बताया कि उन्होंने स्वास्थ्य डिपार्टमेंट और निजी हॉस्पिटल से एडमिट किया. उन्होंने उनके केंद्र के लिए दो डॉक्टर और 4 नर्स दे दीं. यहां पर कमरों को हॉस्पिटल की तरह तैयार किया गया.
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