लॉकडाउन और कोरोना संकट के बीच सरकार ने पैरासिटामॉल से बनी दवाओं के निर्यात से प्रतिबंध हटा लिया है. इस दौरान पैरासिटामॉल एक्टिव फार्मास्युटिकल इनग्रेडिएंट (एपीआइ) यानी कच्चे माल के तौर पर प्रयोग होने वाले पैरासिटामॉल के निर्यात पर पाबंदी बनी रहेगी. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने शुक्रवार को एक अधिसूचना में यह जानकारी दी. रिस्टिक्टेड की कैटेगरी में आने वाली वस्तुओं के निर्यात के लिए निर्यातकों को डीजीएफटी से लाइसेंस लेना अनिवार्य होता है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सरकार ने कोरोना के फैलते संक्रमण और देश में दवाओं की जरूरत को देखते हुए तीन मार्च को पैरासिटामॉल समेत 26 एपीआइ और दवाओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. छह अप्रैल को इनमें से पैरासिटामॉल के अतिरिक्त 24 एपीआइ व दवाओं के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटा लिया गया था. अब पैरासिटामॉल से बनी दवाओं पर लगा निर्यात प्रतिबंध भी हटा लिया गया है. भारत ने अप्रैल, 2019 से जनवरी, 2020 के दौरान पैरासिटामॉल से बनी 5.41 अरब डॉलर की दवाओं का निर्यात किया था.
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वायरस का मुकाबला करने के लिए भारत से बातचीत के बाद ब्रिटेन को पैरासिटामॉल के 30 लाख टैबलेट मिलेंगे.अगले 2 हफ्ते में पैरासिटामोल ब्रिटेन पहुंचेगा. यह सभी सुपर मार्केट में उपलब्ध होंगे. यह जानकारी ब्रिटेन की सरकार के विदेश और कॉमनवेल्थ मामलों का विभाग ने दी है. वही, कोरोना वायरस के इस गहन संकट के समय विश्व भारत की ओर उम्मीदों से देख रहा है. इसका कारण पीएम मोदी की ओर से पहले सार्क और फिर जी-20 के जरिये इसके लिए सक्रियता दिखाना रहा कि कोरोना के कहर से मिलकर कैसे निपटा जाए.
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