नई दिल्ली: बीते पिछले एक साल से लगातार बढ़ता जा रहा है, कोरोना वायरस का संक्रमण आज कई मासूमों की जिंदगी के लिए परेशानियों का कारण बन चुका है। वहीं आईसीएमआर (ICMR) प्रमुख ने मंगलवार को बताया है कि भारत में कोविड रीइंफेक्शन (दोबारा संक्रमण) की वक़्त सीमा 100 दिन तय की गई है। इसका मतलब इन 100 दिनों में कोविड के दोबारा संक्रमण का खतरा अधिक है। उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की देश में कम से कम दोबारा संक्रमण के मामलों की पहचान हो चुकी है। ICMR के महानिदेशक बलराम भार्गव ने बोला कि रीइंफेक्शन की परिभाषा क्या है। 90 दिन या 100 दिन इस बात को अभी WHO ने भी तय नहीं हुआ है।
भारत रीइंफेक्शन के केसों के लिए 100 दिन का समय ले रहा है। भार्गव ने बोला कि ये एंटीबॉडी की लाइफ है। उन्होंने कहा कि कुछ केस की पहचान की गई है, जिसमें 2 मुंबई में और एक अहमदाबाद में मामला पाया गया है। WHO के आंकड़ों में कहा गया है कि दुनिया में लगभग दो दर्जन केस रीइंफेक्शन के हैं।
किस उम्र के लोगों की ज़्यादा हो रही मौत: जंहा इस बात का पता चला है कि 45-60 वर्ष की उम्र में तकरीबन 35 प्रतिशत मरीज़ों जान चली गई है। उन्होंने बोला है कि यह नज़र आता है कि आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने की पृष्ठभूमि में ये वर्ग कमज़ोर दिखाई दे रहा है। कई बार युवा आबादी सोचती है कि वो उम्र की वजह से स्वस्थ्य हैं और उन्हें संक्रमण नहीं होगा, या फिर वो जल्दी ठीक हो जाएंगे। लोगों को ऐसी धारण बनाने से बचना चाहिए। डाटा से ये भी पता चलता है कि 45-60 वर्ष के आयु के गंभीर बीमारियों वाले रोगियों में जोखिम अधिक है। इस आयु वर्ग में गंभीर बीमारियों वाले मरीज़ों की 13.9 प्रतिशत मौतें हुई हैं। साथ ही गंभीर बीमारियों के बिना 1।5 प्रतिशत। साथ ही 53 फीसदी मौतें 60 वर्ष या उससे ज़्यादा उम्र में हुई हैं।
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