वाशिंगटन: एक तरफ बढ़ रहा कोरोना का कहर अब इतना बढ़ चुका है. कि हर तरफ केवल तवाही का मंज़र देखने को मिल रहा है. जंहा अब तक इस वायरस से मरने वालों कि संख्या 1,70,000 से अधिक हो चुकी है. वहीं अभी भी लोगों में इस वायरस का खौफ फैला हुआ है. वहीं इस बीमारी से लड़ने के लिए अब भी डॉक्टर इलाज़ खोज रहे है. जंहा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेबरेसस ने चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस के प्रकोप का सबसे खराब समय अभी आने वाला है. कई देश जिस तरह प्रतिबंधात्मक उपायों में ढील दे रहे हैं, महामारी नए खतरे की घंटी उठा रहा है. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हम पर विश्वास कीजिए. सबसे खराब समय अभी आने वाला है. हमें इस आपदा को रोकना होगा. बहुत सारे लोग इस वायरस को अब तक नहीं समझ सके हैं.
WHO के महानिदेशक ने यह स्पष्ट नहीं किया कि वह क्यों मानते हैं कि 1,70,000 से अधिक लोगों के मारे जाने बाद भी इससे बदतर हो सकता है. हालांकि, कुछ लोगों ने अफ्रीका के माध्यम से बीमारी के संभावित प्रसार की ओर इशारा किया है, जहां स्वास्थ्य प्रणालियां बहुत कम विकसित हैं.घेबरेसस ने कहा कि लॉकडाउन पाबंदियों को हटाना महामारी का अंत नहीं है, बल्कि यह अगले चरण की शुरुआत है. महामारी से मुकाबले के अगले चरण की गंभीरता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, देशों को वायरस की रोकथाम के लिए अपने नागरिकों को शिक्षित, प्रोत्साहित और सशक्त करना होगा. वायरस के दोबारा संक्रमण को लेकर भी उन्हें सचेत रहने की जरूरत है. WHO के महानिदेशक टेड्रोस ने रविवार को जी-20 समूह के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक में कहा, 'हम इस बात को लेकर उत्साहित हैं कि जी-20 के कई देश सामाजिक प्रतिबंधों में ढील देने पर विचार कर रहे हैं, लेकिन महत्वपूर्ण है कि यह प्रक्रिया चरणबद्ध हो.'
कोरोना पर अमेरिका से कुछ नहीं छिपाया: WHO के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेबरेसस ने सोमवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने कोरोना वायरस को लेकर ऐसी कोई जानकारी अमेरिका से नहीं छिपाई, जो उसके पास थी. उन्होंने कहा कि जेनेवा में WHO मुख्यालय में काम कर रहे अमेरिकी सरकार के लोगों की मौजूदगी का मतलब है कि पहले दिन से अमेरिका से कुछ भी छिपा नहीं है. उन्होंने कहा कि WHO में कुछ भी गोपनीय नहीं है.
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