नई दिल्ली : देश में जहाँ एक ओर गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (GST) लागू करने की तैयारी चल रही है. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की ओर से दिग्विजय सिंह ने अरुण जेटली को पत्र लिखकर सवाल उठाया है कि क्या जीएसटी लागू करने के बाद देश में कारोबार करना मुश्किल हो जाएगा?
दिग्विजय ने पत्र में लिखा कि मौजूदा समय में देश में कारोबारी 4 फॉर्म भरकर अपना साल भर का टैक्स का काम पूरा कर लेते हैं. लेकिन जीएसटी प्रावधानों के तहत कारोबारियों को प्रति माह तीन फॉर्म और साल के अंत में एक कंसॉलिडेटेड फॉर्म, कुल 37 फॉर्म भरकर अपनी टैक्स संबंधित सूचनाओं की जानकारी देनी होगी.
प्रत्येक महीने की 10 तारीख को खरीद और बिक्री की जानकारी देनी होगी. इसके बाद महीने की 15 तारीख तक उसे किसी तरह के रिफंड के साथ हुई सेल और बिक्री की जानकारी देने होगी. अंत में महीने की 20 तारीख तक उसे एक कंसॉलिडेटेड आंकड़े देने होंगे.
इसके जवाब में वित्त मंत्री जेटली ने दिग्विजय सिंह से कहा है कि कारोबारियों को सिर्फ महीने की 10 तारीख को बिक्री (आउटवर्ड सप्लाई) के आंकड़े देने होंगे. इसके बाद कारोबारी द्वारा बिल के सत्यापन के काम के साथ किसी तरह के क्रेडिट की जानकारी उसे ऑटो-पॉप्युलेटेड मिल जाएगा. बहरहाल, इतना स्पष्ट है कि कारोबारियों को महीने की 10,15 और 20 तारीख को खरीद-सेल की सूचना देनी है जो फिलहाल वह साल में तिमाही आधार पर 4 बार करता है और अपना टैक्स अदा करता है.
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