जीएसटी को लेकर कॉटन व्यापारियों ने ज्ञापन सौंपा
जीएसटी को लेकर कॉटन व्यापारियों ने ज्ञापन सौंपा
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मनावर : जब से जीएसटी लागू हुआ है , तब से व्यापारियों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. हालाँकि सरकार इसमें सुधार करने के प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में  कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया एवं मध्यांचल कॉटन संघ द्वारा कल 15 दिसंबर को जीएसटी में आरसीएम को शामिल करने के विरोध में एक दिवसीय सांकेतिक हड़ताल की गई.

इसीके तहत कॉटन व्यापारी एसोसिएशन मनावर, गंधवानी, बाकानेर, सिंघाना द्वारा जीएसटी के अंतर्गत आरसीएम हटाए जाने को लेकर एवं परिवहन को ई परिवहन बिल में न रखने को लेकर एक ज्ञापन तहसीलदार मनावर पीएन परमार को सौंपा. उल्लेखनीय है कि इसी संदर्भ में  कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया एवं मध्यांचल कॉटन संघ द्वारा 15 दिसंबर को पूरे देश में कपास मंडी में व्यापारियों द्वारा एक दिन की सांकेतिक हड़ताल कर 5 प्रमुख मांगो को लेकर ज्ञापन दिया गया.

इसमें आरसीएम को कपास खरीदी कीमत पर भुगतान के साथ जोड़ा है जो कठिन है. सरकार द्वारा निर्यात पर 0.10 प्रतिशत जीएसटी टैक्स लगाया गया है. आरसीएम का भुगतान 5 प्रतिशत की दर से करना है. बता दें कि जीएसटी परिषद की बैठक में आरसीएम को मार्च 2018 तक के लिए स्थगित कर दिया गया था, लेकिन 1 जनवरी 2018 से परिवहन बिल एवं आरसीएम को लागू किया जा रहा है. इसी बात का विरोध हो रहा है .

गौरतलब है कि किसान जहां उचित भाव मिलता है उस मंडी में कपास बेचने बैलगाड़ी ट्रैक्टर या अन्य परिवहन साधन से ले जाता है जिसमें 50 हजार से अधिक की कीमत का कपास होता है. अगर सरकार कपास पर ई परिवहन बिल लाएगी तो किसानों को अपनी पंसद की मंडी में माल बेचने में परेशानी होने के साथ ही कॉटन उद्योग जगत भी प्रभावित होगा. व्यापारी इसे लागू नहीं करना चाहते हैं.

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