नई दिल्ली: दिल्ली की मध्य जिले पुलिस के खास स्टाफ ने भारत के सबसे बड़े वाहन चोर को गिरफ्तार किया है। इसे चोरों का गुरु भी कहा जाता है। उसके विरुद्ध देश के कई प्रदेशों में 181 आपराधिक केस दर्ज हैं। विशेष बात यह है कि इसमें से 146 मामले अकेले दिल्ली में ही दर्ज हैं। वहीं कहा जाता है कि यह अब तक 8,000 गाड़ियों को चोरी कर बेच चुका है। यह कुख्यात व मोस्ट वांटेड चोर न सिर्फ अपने गिरोह के सदस्यों के साथ मिलकर कई प्रदेशों से वाहन चोरी करता था, बल्कि दिल्ली-एनसीआर सहित अन्य प्रदेशों से चोरी हुए वाहनों को बांग्लादेश, नेपाल व पूर्वोत्तर के प्रदेशों में बेचता भी था।
DSP मध्य जिला श्वेता चौहान के अनुसार, गिरफ्तार वाहन चोर का नाम अनिल चौहान है। वह मूल तौर पर असम का रहने वाला है तथा यहां खानपुर एक्सटेंशन, दिल्ली में भी इसका घर है। आपराधिक घटनाओं में लिप्त होने की वजह से उसने वर्षों से अपना ठिकाना सोनितपुर तेजपुर, असम में बना रखा है। यह अपराधी हथियार और गैंडे के सींग की तस्करी भी करता है। पुलिस के मुताबिक, यह, इस कुख्यात चोर को असम पुलिस ने वर्ष 2015 में तत्कालीन विधायक के साथ गिरफ्तार किया था। जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भी इसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर इसकी सारी संपत्ति को बरामद कर ली थी। अपने राजनीतिक पहुंच के कारण अपराधी अनिल असम का क्लास वन सरकारी कांट्रेक्टर भी रह चुका है।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, अपराधी अनिल ने दिल्ली से 12वीं तक की पढ़ाई की है। इसने 1998 में वाहन चोरी करना आरम्भ किया। इसकी 3 पत्नियां एवं 7 बच्चे हैं। इसे कई प्रदेशों की पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है, किन्तु यह जमानत पर छूटने के बाद फिर से चोरी आरम्भ कर देता था। यह अपराधी लगभग 25 वर्षों से वाहन चोरी कर रहा है, जिसकी वजह से इसे वाहन चोर अपना गुरु भी बोलते हैं। इस शातिर को गाड़ियों की नकली चाबियां बनाने में महारत हासिल है। इस अपराधी के निशानदेही पर पुलिस ने छह पिस्टल, सात कारतूस, एक बाइक व एक कार जब्त की है।
दो पक्षों में हुआ विवाद, आरोपी पर केस दर्ज
'इस तरह तो 100 साल लग जाएंगे..', केजरीवाल ने पीएम मोदी को क्यों लिखा पत्र ?