वृन्दावन में खुला देश का पहला महिला सैनिक स्कूल, सीएम योगी बोले- नारी सशक्तिकरण के बिना सशक्त समाज संभव नहीं

वृन्दावन में खुला देश का पहला महिला सैनिक स्कूल, सीएम योगी बोले- नारी सशक्तिकरण के बिना सशक्त समाज संभव नहीं
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संयुक्त रूप से 1 जनवरी को वृन्दावन में देश के पहले गर्ल्स मिलिट्री स्कूल का उद्घाटन किया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने वात्सल्य ग्राम परिसर में साध्वी ऋतंभरा द्वारा स्थापित संविद गुरुकुलम गर्ल्स मिलिट्री स्कूल को देश की बेटियों को समर्पित करते हुए समाज की रूढ़िवादी मानसिकता को बाहर लाने की जरूरत पर बल दिया। अपने संबोधन में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मिशन शक्ति बेटियों की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन का अद्भुत उदाहरण है। नारी शक्ति की सुरक्षा, उनके सम्मान और स्वावलंबन के बिना सशक्त समाज संभव नहीं है। इसके लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा।  समाज को रुढ़िवादी विचारधारा से बाहर लाना होगा।'

सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर विपक्ष पर भी निशाना साधा और कहा कि, "जो लोग अयोध्या जाने से झिझक रहे थे वे अब राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का निमंत्रण नहीं मिलने की शिकायत कर रहे हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाना प्रत्येक नागरिक का संकल्प होना चाहिए। बता दें कि गर्ल्स मिलिट्री स्कूल CBSE पाठ्यक्रम का पालन करते हुए सैन्य प्रशिक्षण प्रदान करेगा। स्कूल में 120 सीटें हैं। 21 जनवरी को लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसके बाद सफल उम्मीदवारों की ई-काउंसलिंग और मेरिट सूची तैयार की जाएगी। सत्र अप्रैल से लड़कियों के तीन बैचों के साथ शुरू होगा। 

बेटियों को CBSE शिक्षा के अलावा सैन्य शिक्षा, खेल एवं बाधा प्रशिक्षण भी पूर्व सैनिकों या NCC द्वारा प्रदान किया जाएगा। सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने सैनिक स्कूलों में लड़कियों के दाखिले की अनुमति दे दी है। उन्होंने कहा कि, देश में सैनिक स्कूलों की परंपरा 1960 में उत्तर प्रदेश में शुरू हुई जब डॉ. संपूर्णानंद मुख्यमंत्री थे। डॉ. संपूर्णानंद ने अपने देश का पहला सैनिक स्कूल उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थापित किया था। मुझे 2017 में मुख्यमंत्री, जो स्कूल के अध्यक्ष भी हैं, के रूप में सैनिक स्कूल, लखनऊ जाने का अवसर मिला। वहां मुझे पता चला कि उस स्कूल में लड़कियों को दाखिला नहीं मिलता था। तो मैंने कहा कि अगले सत्र से लड़कियों को भी स्कूल में प्रवेश मिलना चाहिए। हमने वहां यह कार्यक्रम 2018 में शुरू किया 
था। 

सीएम योगी ने कहा कि, सैनिक स्कूल के मामले में लखनऊ भी भाग्यशाली रहा है कि देश सेवा का सर्वोच्च पदक परमवीर चक्र उसके एक छात्र मनोज पांडे को प्रदान किया गया है, जो कारगिल युद्ध में देश की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे। हमारी सरकार ने कैप्टन मनोज पांडे के नाम पर लखनऊ के सैनिक स्कूल का नाम डॉक्टर रखा था। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज, सैनिक स्कूल युवा लड़कों और लड़कियों के लिए सैन्य अनुशासन ला रहा है, जो देश को आगे बढ़ने में मदद करेगा और दुनिया को भारत की ताकत का एहसास कराएगा। जब 140 करोड़ भारतीय एक स्वर में भारत की आन, बान और शान की रक्षा का बीड़ा उठाएंगे तो दुनिया की कोई भी ताकत उन्हें रोक नहीं पाएगी। हमारी जिम्मेदारियां अलग-अलग हो सकती हैं, लेकिन हम जहां भी हैं हमें विश्व स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाने के संकल्प के साथ काम करना है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रत्येक नागरिक की प्राथमिकता पहले राष्ट्र, उसके बाद धर्म, परिवार और स्वयं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि, 'अगर सभी भारतीय इस भावना के साथ काम करें तो हम निश्चित रूप से 2047 तक प्रधानमंत्री मोदी द्वारा हमारे सामने रखे गए विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल कर लेंगे।' सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर लोगों को कई शपथ भी दिलाईं, जिनमें खुद को गुलामी की मानसिकता से मुक्त करना, भारत को विकसित बनाने की दिशा में काम करना और एकजुट रहकर विरासत पर गर्व करना और नागरिक कर्तव्यों का पालन करना शामिल है। 

सीएम योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि, 'हम हमेशा से जानते थे कि अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन चल रहा था और विश्व हिंदू परिषद (VHP), राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और पूज्य संतों के मार्गदर्शन में इस आंदोलन को नेतृत्व प्रदान कर रही थी। उस समय हम सब कहते थे कि श्रीराम जन्मभूमि का मामला भारत की जनता स्वयं सुलझा लेगी। जिस दिन सनातन धर्म का प्रत्येक अनुयायी एक स्वर में जय श्री राम का नारा लगा देगा, श्री राम जन्मभूमि का मार्ग स्वतः ही प्रशस्त हो जाएगा।'  

30 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे का जिक्र करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाल के वर्षों में हुए अयोध्या के बदलाव पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि, “पहले, सड़कें ख़राब थीं और एक ही रेल लाइन थी। आज हमने चारों तरफ से फोर-लेन कनेक्टिविटी उपलब्ध करा दी है। फोरलेन और सिक्सलेन सड़कें न सिर्फ अयोध्या के बाहर बल्कि अंदर भी मिलेंगी। 22 जनवरी के बाद अयोध्या की यात्रा आपको त्रेता युग की याद दिलाएगी। हजारों साल पहले भगवान राम पुष्पक विमान से अयोध्या आए थे और अब अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का भी उद्घाटन हो गया है। रेलवे लाइन को डबल लाइन से जोड़ा गया है, जिसका उद्घाटन खुद प्रधानमंत्री मोदी ने किया है। इसके अलावा, अयोध्या और उसके आसपास पांच-छह नए स्टेशन विकसित किए जा रहे हैं। 

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार ने अयोध्या को सड़क, रेल और हवाई मार्ग से जोड़ने के बाद जलमार्ग से भी जोड़ने का प्रयास शुरू कर दिया है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग अयोध्या आने या उसका नाम लेने से भी कतराते थे, वे इस शहर में आने का निमंत्रण मिलने का इंतजार कर रहे हैं। यह बदलाव इसलिए आया है क्योंकि, उन्हें आपकी (जनता की) शक्ति का एहसास हुआ है।”

बता दें कि, वात्सल्य ग्राम में इस समय साध्वी ऋतंभरा का जन्मदिन उनके अनुयायियों द्वारा भव्य रूप से मनाया जा रहा है। इस बार साध्वी ऋतंभरा के 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में षष्ठी पूर्ति महोत्सव मनाया जा रहा है। इस तीन दिवसीय महोत्सव के आखिरी दिन कार्यक्रम में जगद्गुरु रामभद्राचार्य, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीएम योगी आदित्यनाथ के अलावा योग गुरु बाबा रामदेव, आचार्य बाल कृष्ण शामिल हुए। 

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