नई दिल्ली: उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 2020 में भड़के साम्प्रदायिक दंगों के मामले में कोर्ट ने चार आरोपियों के खिलाफ आरोप निर्धारित कर दिए हैं। इन आरोपियों पर गोकुलपुरी व भजनपुरा में दंगे फैलाने, लूट व आगजनी करने का इल्जाम है। कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट्ट की कोर्ट ने चारों आरोपियों के खिलाफ दंगा, गैरकानूनी सभा, आगजनी, जनता और पुलिस कर्मियों को जख्मी करने एवं अन्य धाराओं के तहत आरोप निर्धारित किए है।
वहीं इस मामलें में अदालत ने चार आरोपियों को सबूतों के अभाव में आरोप मुक्त भी कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अभियोजन पक्ष ने आरोपियों के खिलाफ केस चलाने के लिए पुख्ता प्रमाण पेश करने में नाकाम रहा है। इस मामले में FIR पुलिसकर्मी के बयान पर दर्ज की गई थी, जो अन्य कर्मचारियों के साथ उस दिन दंगा प्राभवित इलाके में ड्यूटी दे रहा था। उस पर दंगों को नियंत्रित करने और कानून व्यवस्था कायम रखने की जिम्मेदारी थी।
विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि इस मामले में कई आरोपियों को अरेस्ट कर लिया गया था। इनकी गिरफ्तारी के बाद कई अन्य पुलिसकर्मियों ने इनकी शिनाख्त दंगाई के रूप में की थी। सरकारी वकील का कहना था कि आरोपियों की दंगों में संलिप्तता को लेकर वीडियो फुटेज हैं जिसमें आरोपी मौके पर तोड़फोड़ और आगजनी में सक्रिय भाग लेते नज़र आ रहे हैं।
अब भारत में ही निर्मित किए जाएंगे 300 हथियार और रक्षा उपकरण, राजनाथ सिंह जारी करेंगे तीसरी सूची