नई दिल्ली: MeToo मामले को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर की तरफ से दाखिल किए गए आपराधिक मानहानि के मामले में दिल्ली की राॅउस एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है. एडीशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल की अदालत में पत्रकार प्रिया रामानी का बयान रिकॉर्ड हो रहा है. पत्रकार प्रिया रमानी अदालत में अपना बयान दे रही हैं.
अपने बयान में प्रिया रमानी ने कहा कि, मैंने सत्य कहा है. जब मैंने अपने अनुभव का खुलासा किया. 'वोग' पत्रिका में मेरी पहली नौकरी का इंटरव्यू और मेरे ट्वीट. महिलाओं के लिए कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के संबंध में बताने के लिए महत्वपूर्ण थे. हममें से कई लोगों का मानना है कि इस मामले पर चुप भी रहा जा सकता था. चुप रहकर मैं बाद के इन विवादों टाल सकती थी, किन्तु ऐसा करना उचित नहीं होता. अपने सभी खुलासों में, मैंने सार्वजनिक हित और जनता की भलाई में सच कहा है.
उन्होंने आगे कहा कि मुझे आशा थी कि MeToo मामले में हुए खुलासे महिलाओं को बोलने और कार्यस्थल पर उनके अधिकारों को बेहतर ढंग से समझने के लिए उन्हें सशक्त करेंगे. यह मामला मेरे लिए एक बड़े शख्स के खिलाफ था. मेरे पास इससे हासिल करने के लिए कुछ नहीं है. मैं एक सम्मानित पत्रकार हूं. मैं बैंगलोर में अपने परिवार के साथ शांति से जीवन व्यतीत कर रही हूं. किसी भी महिला के लिए इस तरह के खुलासे करना आसान नहीं होता है.
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