पटना: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में MP-MLA कोर्ट द्वारा दो दशक से अधिक पुराने मामले से संबंधित, लालू प्रसाद यादव के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। यह मामला लालू यादव के नाम पर हथियारों की फर्जी खरीद से जुड़ा है, जिन्हें बाद में विभिन्न स्थानों पर वितरित किया गया। इस मामले में लालू प्रसाद यादव सहित कुल 23 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें से छह पर मुकदमा चल रहा है, जबकि दो की मृत्यु हो चुकी है और बाकी अभी भी फरार हैं।
कथित धोखाधड़ी 23 अगस्त, 1995 और 15 मई, 1997 के बीच हुई, जिसमें ग्वालियर में तीन कंपनियों से हथियारों और कारतूसों की खरीद शामिल थी। ये हथियार कथित तौर पर यूपी स्थित एक फर्म के निदेशक राजकुमार शर्मा द्वारा बिहार में बेचे गए थे। इन हथियारों के खरीददारों में लालू प्रसाद यादव का नाम भी शामिल है। हालाँकि, आरोपी लालू प्रसाद यादव की पहचान को लेकर कुछ भ्रम हो गया है, क्योंकि अदालत के रिकॉर्ड ने निश्चित रूप से पुष्टि नहीं की है कि वह बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद नेता हैं या नहीं। दस्तावेजों में सिर्फ आरोपी के पिता का नाम कुन्द्रिका सिंह बताया गया है, जबकि लालू प्रसाद यादव के पिता का नाम कुन्दन राय है। हालांकि, पूर्व सांसद और विधायक लालू प्रसाद यादव का जिक्र होने के कारण मामला MP-MLA कोर्ट में रेफर कर दिया गया है।
इसके बाद पुलिस जांच के बाद यह निष्कर्ष निकला कि आरोपी लालू प्रसाद यादव वास्तव में राजद नेता ही हैं। इसी निश्चय के आधार पर उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। मामला MP-MLA कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया है, जिसने स्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी करके लालू प्रसाद यादव को तलब किया है।
दीदी का ईद गिफ्ट ! मुस्लिमों को लुंगी-नमाज़ी टोपी बांटते दिखे TMC नेता, झोले पर ममता बनर्जी की तस्वीर
वक़्फ़ बोर्ड घोटाला: केजरीवाल के नक्शेकदम पर AAP विधायक अमानतुल्लाह खान, ED के समन पर नहीं हो रहे पेश