नई दिल्ली : आसाराम को एक लड़की से बलात्कार के मसले पर राहत देने से इन्कार कर दिया गया। न्यायालय ने जमानत पर सुनवाई की बात को नकार दिया। दरअसल इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की मेडिकल जांच रिपोर्ट के बाद सुनवाई की जाएगी। सर्वोच्च न्यायालय ने इसे पुराने मामले के साथ जोड़ा। न्यायमूर्ति एके सिकरी की बेंच ने कहा कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में आसाराम का चिकित्सकीय परीक्षण नहीं होता है और उसे लेकर रिपोर्ट न्यायालय के सामने भी प्रस्तुत नहीं की जाती है।
इस मामले में किसी तरह की जमानत पर विचार नहीं किया जा सकता है। यह मामला अहमदाबाद में दो नाबालिग बहनों के साथ किए जाने वाले दुष्कर्म से जुड़ा है। गौरतलब है कि बीते दिनों नाबालिग लड़की के यौन शोषण के आरोप में आसाराम बापू की स्वास्थ्य जांच हेतु एम्स ने दिल्ली से मेडिकल दल जोधपुर भेजने में असमर्थता जताई। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि 7 चिकित्सकों के एक दल द्वारा पैनल तैयार की गई।
दरअसल आसाराम की जांच हेतु किसी को भी जोधपुर नहीं भेजा जा सकता है। एम्स के अभिभाषक ने इस मामले में अपनी दलील दी थी। 29 अगस्त को दी गई दलील को लेकर न्यायालय ने कहा कि आसाराम और उनके पुत्र नारायण सांई पर दो बहनों से दुष्कर्म करने का आरोप लगाया गया है। दरअसल नाबालिग से यौन उत्पीड़न के मसले पर आसाराम को पहले जमानत नहीं दी गई थी। इस मामले में आसाराम ने स्वास्थ्य आधार पर 1 से 2 माह की अंतरिम जमानत की मांग की।