कोर्ट- कचहरी और वकीलों के चक्कर से बचने के लिए लोग अपने छोटी मोटी हानि का पता भी नहीं चलता है। लेकिन ऐसे छोटे नुकसान की रोजाना देशभर की तादाद देखी जाए तो वह करोड़ों में पहुंच चुकी है। ऐसे ही लोगों के लिए चंडीगढ़ के बहन-भाई ऑनलाइन विवाद निवारण के लिए ‘वेब न्याय’ नाम का ऐप लॉन्च किया जा चुका है। जिसमे बिना किसी वकील और बगैर कोर्ट का चक्कर काटे इस ई मंच पर विवाद का निपटारा संभव होने वाला है।
जंहा इस बात का पता चला है कि चंडीगढ़ निवासी विश्वम जिंदल और उनकी बहन इशिता जिंदल ने विश्व से कुछ अलग करने की ठानी और बना दिया कोर्ट कचहरी का वैकल्पिक ई मंच। ‘वेब न्याय’ नाम से बनाए गए इस एप के माध्यम से देश के किसी भी हिस्से में बैठ कर सिर्फ अपने मोबाइल के माध्यम से विवाद से जुड़ी शिकायत दर्ज करवाई जा चुकी है। कुछ आसान प्रश्नों के जवाब एप पर देने के उपरांत शिकायत ऐसी बनती है जैसे उसे वकीलों ने तैयार किया है। जबकि इस तरह की शिकायत तैयार करने के लिए ही वकील हजारों की फीस ले लेते है। एप की खास बात यह है कि यह उपभोक्ताओं के लिए बिल्कुल मुफ्त है।
पेशे से वकील विश्वम जिंदल ने कहा कि यह एप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आधार पर तैयार किए जा रहे है। इस माध्यम से दोनों पक्षों को एक ई-मंच प्रदान किया जाने वाले ताकि कोर्ट के बाहर ही विवाद निपट सके। विश्वम ने बोला कि दोनों पक्ष चाहते हैं कि वकीलों की फीस और बेवजह की समय की बर्बादी से बचा जा सके।
बैचलर इन डिजाइन इशिता जिंदल ने बोला कि यह एप उसने और उसके भाई विश्वम ने मिलकर तैयार हो चुके है। इसे तैयार करने से पहले एक सर्वे किया गया। सर्वे में पाया गया कि 50 हजार तक का हानि उठाने वाला ग्राहक आमतौर पर उपभोक्ता अदालत का रुख नहीं करता है। उपभोक्ता अदालत में पहुंचने वाले अधिकतर केस 50 हजार से ऊपर की हानि होती है, क्योंकि कोर्ट में समय खराब होता है और ऊपर से वकील की फीस देना पड़ता है।
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