कोरोना वायरस का प्रकोप बहुत तेजी पूरी दुनिया को अपना शिकार बना रहा है. वायरस की वजह से कई परिवारों में खासकर युवा एवं बुजुर्ग पीढ़ी में संबंध घनिष्ठ हुए हैं. आमतौर पर अपराध की दर भी कम हुई है. हम लोग पश्चिमी समाज की सभ्यता के बजाय अपनी सभ्यता एवं संस्कृति पर ज्यादा विश्वास कर रहे हैं. आज हमने दुनिया को हाथ मिलाना छोड़कर नमस्कार करना सिखा दिया है. खानपान में मांसाहारी से शाकाहारी और घर में ही खाना पकाने वाली स्वच्छ जीवन शैली को अपना रहे हैं. आधुनिक इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के सही इस्तेमाल से हम लोग एक असामाजिक स्थिति से निकलकर सामाजिक प्राणी होने का परिचय दे सकते हैं.
उत्तराखंड में राशन की दुकानों पर लगी भीड़
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि हमें संचार तकनीक का भरपूर उपयोग करना होगा जोकि कोरोना वायरस द्वारा प्रभावित हुए बिना अपना काम बखूबी कर सकती है. इसका प्रयोग विभिन्न स्वरूपों में किया जा रहा है.
कई क्षेत्रो से उत्तराखंड पहुंचे 3000 लोग
अगर आपको नही पता तो बता दे कि शिक्षा भी ऑनलाइन मोड में चली गई. वीडियो कांफ्रेंसिंग को माध्यम बनाया जा रहा है. स्काइप से लेकर जूम आदि एप से वीडियो क्रांफ्रेसिंग हो रही है. ई-मेल द्वारा स्टडी मटेरियल को डिस्ट्रीब्यूट करना, परिणामों का ऑनलाइन रिजल्ट देना, परीक्षाओं का ऑनलाइन मोड में करना आदि शामिल है.
उत्तराखंड : क्वारंटीन लोगों के घर के आगे लगाया जायेगा बोर्ड