तिरुवनंतपुरम: कोरोना संक्रमण के बढ़ते केसों के बीच शहर में अवस्थित श्री चित्रा तिरुनल आयुर्विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान और आईआईटी मद्रास में परिकल्पित स्टार्ट-अप मॉडुलस हाउसिंग ने कोरोना के प्रबंधन के लिए संयुक्त रूप से हलके और कहीं भी तैनात किया जा सकने योग्य हॉस्पिटल की टेक्नोलॉजी विकसित की है. इस पहल का भारत में अपनी तरह का प्रथम होने का दावा किया जा रहा है.
शुरुआती योजना के तहत केरल के वायनाड डिस्ट्रिक्ट के वराडोर में सोलाह बेड का एक हॉस्पिटल स्थापित कर दिया गया जबकि चेन्नई के सुगाह हॉस्पिटल में तिस बेड़ की एक इकाई स्थापित कर दी गई है. एससीटीआईएमएसटी की जैवचिकित्सा अभियांत्रिकी के वैज्ञानिक अभियंता एन एन सुभाष ने मीडिया को बताया है कि सौ बेड़ वाला एक सेंटर जल्द ही कर्नाटक में प्रारंभ किया जाने वाला है. उन्होंने बोला, “बंधने वाले केबिन के मॉडल को सरलता से समेट कर एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाया जा सकता है.
1600 वर्गफीट के एक हॉस्पिटल को सरलता से एक ट्रेलर पर समेटकर ले जाया जा सकता है. ” एससीटीआईएमएसटी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के भीतर आगामी नेशनल महत्व का एक संस्थान है. उसने और मॉडुलस ने एक सहमति-खत पर दस्तखत किए गए है जिसके अंदर मंडल में तैनाती के लिये 4 क्षेत्रीय हॉस्पिटल ढांचे तैयार किए जाएंगे जिसे 4 लोगों द्वारा कुछ घंटों में जोड़कर हॉस्पिटल का स्वरूप दे दिया जा सकता है. बता दें केरल में कोरोना का आतंक तेजी से बढ़ता जा रहा हैं बीते कई दिनों से प्रदेश में कोरोना के केस अधिक मिल रहे हैं .
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