भारत के पड़ोसी मुल्क चीन के वुहान शहर से फैला जानलेवा कोरोना वायरस आज दुनियाभर के 170 देशों में फैल चुका है. लगभग 25 हजार लोग काल के गाल में समां चुके हैं. साढ़े 5 लाख लोग इस अनजान बीमारी से संक्रमित हैं. एक चौथाई दुनिया अपने घरों में कैद हैं. अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी है. विश्व भर के वैज्ञानिक और डॉक्टर्स इस महामारी का इलाज ढूंढने में लगे हैं.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अब तक कोरोना नाम की इस महामारी का पुख्ता इलाज सामने नहीं आया है, लेकिन बहुत से रिसर्च के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं. अमेरिका में जहां कोरोना की वैक्सीन का मानव शरीर पर परीक्षण किया जा चुका है. इसी सिलसिले में भारतीय मूल के वैज्ञानिकों सहित एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने 69 दवाओं और प्रायोगिक यौगिकों की पहचान की है, जिनसे COVID-19 का इलाज किया जा सकता है.
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इस खोज को लेकर वैज्ञानिकों ने कहा कि कुछ दवाओं का उपयोग पहले से ही अन्य बीमारियों के इलाज में किया जाता रहा है. शोधकर्ताओं की माने तो, ये वो दवाएं हैं, जिन्हें पहले से ही मधुमेह (डायबिटीज) और उच्च रक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर) जैसी बीमारियां का इलाज किया जा रहा है इसलिए कोरोना से बचने के लिए एक नए टीके के अविष्कार से इन्हीं दवाईयां के साथ प्रयोग किया जा सकता है. बायोरेक्सिव वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च में, वैज्ञानिकों ने कोरोनावायरस के 29 जीनों में से 26 की जांच की, जो वायरल प्रोटीन का प्रत्यक्ष उत्पादन करते हैं. ऐसे 332 मानव प्रोटीन को कोरोना वायरस द्वारा लक्षित पाया गया है, ऐसी दवाओं की पहचान भी की गयी है, जो मानव प्रोटीन पर भी असर करती है, इनसे कोरोना वायरस को मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने से रोका जा सकेगा.
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