लंदन: आज के समय में बीमारी हो या कोई आपदा दोनों ही मानव जीवन पर संकट बन ही जाती है. जिसमे से एक है कोरोना वायरस यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका अभी तक कोई तोड़ नहीं मिल पाया है. वहीं इस वायरस की चपेट में आने से 165000 से अधिक मौते हो चुकी है, वहीं यूनाइटेड किंगडम की कुछ विरासतें जो अब तक बची थीं इस महामारी में हमेशा के लिए गुम हो जाएंगी. दरअसल, नॉवेल कोरोनावायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए दुनिया भर के देशों में तमाम प्रतिबंध लगाए गए और लॉकडाउन में लोगों को घरों से बाहर निकलने पर भी प्रतिबंध लगाया जा चुका है. अब अधिकारियों ने चेताया हे कि अगर इन धरोहरों का रख-रखाव करने वालों की नौकरी चली गई तब ये सदियों पुराने वसीयतों का सुरक्षित रखना मुश्किल होता जा रहा है.
ऐतिहासिक इंग्लैंड (Historic England) नामक संस्था द्वारा कराए गए सर्वे के अनुसार, एक संस्था को ऐतिहासिक धरोहरों की सुरक्षा और इसके बचाव का काम सौंपा गया है. सर्वे के परिणाम बताते हैं कि करीब 80 फीसद धरोहर इन कुछ दिनों में ही क्षतिग्रस्त हो गए और करीब 60 फीसद का कहना है कि इस महामारी के कारण उन्हें इवेंट रद करने को कहा गया. सर्वे कर रही संस्था के चीफ एक्जीक्यूटिव डंकन विल्सन (Duncan Wilson) का कहना है, ‘हम जानते हैं कि दुनिया के सभी देशों को तो इस नए कोरोना वायरस ने चपेट में लिया ही है यहां की धरोहरें भी अछूती नहीं हैं.’
विल्सन ने चेताया, ‘उनकी जीविका की सुरक्षा ही हमारी कीमती धरोहरों को बचा सकती है. यदि ये कुशल विशेषज्ञ बेरोजगार हो गए तो यह हकीकत है कि ब्रिटेन की वसीयत हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी.’ देश के प्राकृतिक वातावरण का बचाव करने वाली आर्गेनाइजेशन मदद के लिए आगे आई है. इसने छोटी वसीयत संगठनों (smaller heritage organizations) के आर्थिक हालात को संतुलित करने के लिए इमरजेंसी फंड दिया है. इस सेक्टर में 100,000 कंस्ट्रक्शन वर्कर काम करते हैं जिसमें कुशल कारीगर हैं, 6,000 archaeologists और 24,000 आर्किटेक्ट, इंजीनियर हैं. यूनाइटेड किंगटम में दुनिया के प्रसिद्ध धरोहर हैं.
कोरोना वायरस और बढ़ती भुखमरी से गर्भवती ने तोड़ दिया दम
चीन ने खोला कोरोना का राज़, बताया क्या हुआ था वूहान में
नेपाल की मस्जिद में अब भी मौजूद है भारत के 12 कोरोना संक्रमित