कोविशील्ड (Covishield) की दो खुराक लेने के तीन से सात महीने बाद भी 500 से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों में कोविड -19 के खिलाफ उच्च स्तर की सुरक्षा (सीरोप्रवलेंस) का पता चला है। जी हाँ, हाल ही में हुई रिसर्च को माने तो लोगों में 90% एंटीबॉडीज मिली है। वहीं पुणे स्थित बीजे गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (बीजेएमसी) और ससून अस्पताल की हालिया रिपोर्ट में इस बारे में जानकारी मिली है। एक स्टडी को माने तो आबादी के एक हिस्से ने अभी तक वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लिया है तो उनके लिए बूस्टर डोज लेना उचित नहीं है।
इसी के साथ हुए अध्ययन में यह भी पाया गया है कि, '558 स्वास्थ्य कर्मियों जिन्होंने कोविड वैक्सीन की दोनों खुराक ले ली है। उनमें एंटीबॉडी का प्रसार 90% प्रतिशत से ज्यादा था।' इस बारे में डॉ तांबे ने कहा, ‘हालांकि हमने पाया कि कोविड वैक्सीन की दो खुराक के बाद अंतराल की अवधि बढ़ने के साथ ही एंटीबॉडी का प्रसार कम हो गया है।' इसी के साथ डॉ तांबे ने यह भी कहा, ‘हालांकि हमने पाया कि कोविड वैक्सीन की दो खुराक के बाद अंतराल की अवधि बढ़ने के साथ ही एंटीबॉडी का प्रसार कम हो गया, प्रतिरक्षा का स्तर उच्च बना रहा है।’
आप सभी को बता दें कि हाल ही में यह सामने आया है कि पूर्ण टीकाकरण के तीन महीने बाद अध्ययन प्रतिभागियों में एंटीबॉडी सकारात्मकता 96।77% थी, जो चार महीनों में 100% तक बढ़ गई, और फिर शुरुआती दो खुराक के बाद सात महीनों में गिरकर 91.89% हो गई। वहीं डॉ तांबे का कहना है कि अध्ययन में भाग लेने वाले 558 एचसीडब्ल्यू में से 94.4% थे। इसी के साथ अध्ययन अवधि के समय कोविड को बेअसर करने वाले एंटीबॉडी के लिए सकारात्मक थे।
दिल्ली में कराए गए छठे सीरो सर्वे में शामिल 90 फीसदी से अधिक लोगों के शरीर में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी पायी गई थी। एक आधिकारिक सूत्र ने बीते दिनों ही यह कहा था, ‘हमने छठे सीरो सर्वेक्षण के दौरान एकत्र किए गए नमूनों में से 90 फीसदी से अधिक में कोविड एंटीबॉडी का पता लगाया है।’ छठे सीरो सर्वेक्षण के अंतर्गत 24 सितंबर से नमूने एकत्र करना शुरू किया गया था।
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