मुंबई: भारत में कोरोना संक्रमितों का आँकड़ा रफ़्तार से बढ़ रहा है। जिसके पश्चात् इसको सार्थक तौर पर रोकने के लिए, देश के कई प्रदेशो के साथ महाराष्ट्र में भी सोमवार से 15 से 18 वर्ष की आयु के किशोरों को कोरोना टीके देने का आरम्भ किया गया। जहां महाराष्ट्र के नासिक में ही युवाओं को कोरोना की टीके देते वक़्त एक 16 वर्ष के अथर्व पवार नाम के शख्स को स्वास्थ्य विभाग की गलती से कोविशील्ड की खुराक दे दी गयी।
दरअसल स्वास्थ्य अफसरों के लापरवाही की यह पूरी घटना नासिक के येवला तालुका के पाटोदा की है। जहां वैक्सीन देते वक़्त अथर्व पवार नाम के किशोर को सोमवार को स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में कोवैक्सीन की बजाय कोविशील्ड की डोज दे दी गई। लापरवाही की घटना उजागर होने के पश्चात्, किशोर अथर्व पवार के पिता वसंत पवार के विभाग की इस लापरवाही से बेहद ज्यादा खफा हो गए। उन्होंने संबंधित अफसरों से इस घटना की शिकायत की तथा इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार सभी संबंधित अपराधी कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
दूसरी ओर स्वास्थ्य केंद्र में नियुक्त स्वास्थ्य कर्मचारी से गलती होने की बात तालुका के स्वास्थ्य अफसर डॉ। हर्षल नेहटे ने स्वीकार तो कर ली है। मगर संबंधित कर्मचारी पर क्या कार्रवाई होने जा रही है, इस बात पर वह फिलहाल मौन हैं। उन्होंने टेस्ट करवाने की बात कही है तथा टेस्ट पूरी होने तक संयम बरतने को बोला है। वही माता-पिता की शिकायत के पश्चात् तहसील स्वास्थ्य अफसर डॉ। हर्षल नेहटे ने पटोदा स्वास्थ्य केंद्र का दौरा किया। मीडिया से चर्चा करते हुए, डॉ। नेहटे ने कबूल किया कि यह एक गलती थी। उन्होंने किशोर को वैक्सीन दिए जाने की बात को लेकर आगे बताया कि किशोर पर कोविशील्ड टीके देने से कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ा तथा उसकी स्थिति ठीक थी।
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