हरियाणा। अभी तक आपने लोगों और छोटे बच्चों के आधार कार्ड बनते हुए देखे होंगे लेकिन क्या आपने सुना है कि पशुओं का आधारकार्ड भी बनता है। जी हां, अब पशुओं के आधार कार्ड भी बनाए जाऐंगे। इसकी शुरूआत हरियाणा सरकार द्वारा की जा रही है। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी शासित अन्य राज्यों में भी इस तरह का प्रयास किया जाएगा। हालांकि पशुओं का डेटा रखने में कुछ तकनीकी परेशानी सामने आ रही है लेकिन माना जा रहा है कि इसे जल्द दूर कर लिया जाएगा। प्रारंभिक तौर पर गौवंश का डेटा रखा जाएगा।
इसका कारण है कि इनका डेटा रखने में आसानी होगी। गाय, भैंस, बछड़े आदि का डेटा रखने के पीछे का कारण इनकी तस्करी, चोरी आदि रोकना है। ऐसे में दुधारू पशुओं की तस्करी को रोकने का प्रयास किया जाएगा। हालांकि जो दल इस कार्य में लगाया जाएगा उसे उत्तराखंड में भेजा जाएगा जहां से इस तरह क योजना की जानकारी प्राप्त की जाएगी।
इसके बाद पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम को इस तरह की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। माना जा रहा है कि जानवरों का आधार कार्ड जुलाई के दूसरे सप्ताह में प्रारंभ हो जाएगा। जब कार्ड बनने लगेंगे तो प्रत्येक पशु के कान में कार्ड लटका दिया जाएगा। इस कार्ड में पशुओं के जनक माता पिता, जन्म बीमारियां आदि का उल्लेख होगा।
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