चेन्नई: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तमिलनाडु इकाई ने 3 नवंबर 2019 को तमिल कवि और महान दार्शनिक तिरूवल्लुवर की एक तस्वीर ट्विटर पर साझा की है, जिसमें वो भगवा पोशाक में नज़र आ रहे हैं और उनके माथे और बांहों पर विभूति (राख) लगी हुई है. चित्र में तिरूवल्लुवर के माथे पर तिलक लगा हुआ है और उनके गले में रुद्राक्ष की माला है.
इस ट्वीट में, भाजपा ने तिरूवल्लुवर द्वारा लिखे एक छंद का हवाला देते हुए लिखा है कि, "अगर वो ईश्वर और ईश्वर में आस्था रखने वालों के संबंध में अपशब्द बोल रहे हैं तो ऐसी शिक्षा का क्या फायदा?." दरअसल, बात ये है कि कवि और दार्शनिक तिरूवल्लुवर की कोई वास्तविक छवि मौजूद नहीं है. दो हज़ार साल पहले जन्मे तिरूवल्लुवर को दर्शाने के लिए काल्पनिक चित्रों का उपयोग किया जाता रहा है. किन्तु तिरूवल्लुवर की छवि के साथ आमतौर पर किसी भी धार्मिक प्रतीक का उपयोग नहीं किया जाता है.
हालांकि उनकी रचनाओं में ईश्वर के प्रति आस्था भाव को नज़र आता है. किन्तु उनका विश्वास किस धर्म के प्रति था, इस बारे में कोई दावा नहीं किया जा सकता. इस पृष्ठभूमि में, भाजपा ने जब तिरुवल्लुवर की छवि को हिंदू प्रतीकों के साथ जोड़ दिया तो सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया और लोगों ने #bjpinsultsthiruvalluvar को ट्रेंड करना आरंभ कर दिया. जिसके बाद तमिलनाडु में तंजावुर जिले के पिल्लैयारपट्टी क्षेत्र में तिरुवल्लुवर की प्रतिमा पर कुछ अज्ञात लोगों ने गोबर फेंक दिया. तब से, गांव वाले एक प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे है.
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