कोलकाता: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से यह साफ़ करने के लिए कहा है कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ लड़ने के इच्छुक हैं या वाम दलों के साथ लड़ना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि वाम का किला मानी जानी वाली वायनाड लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के राहुल गाँधी के फैसले से अलग संदेश गया है.
येचुरी ने यह संकेत भी दिया कि राहुल का यह फैसला चुनाव के बाद दोनों पार्टियों को एक साथ आने से नहीं रोकेगा. येचुरी ने 2004 के चुनाव के बारे में वार्ता करते हुए कहा कि सीपीएम के नेतृत्व वाले वाम मोर्चा ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए सरकार को बाहर से समर्थन दिया था. उन्होंने कहा कि उस वक़्त वाम दलों के 61 सांसदों में से 57 ने कांग्रेस को मात देकर जीत दर्ज की थी. येचुरी ने कहा कि,‘केरल की सभी 20 लोकसभा सीटों पर लड़ाई कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ और वाम दल की अगुवाई वाली एलडीएफ के बीच है, चाहे प्रत्याशी राहुल गाँधी अथवा कोई एक्सवाईजेड हो.
उन्होंने कहा है कि हम आज कह रहे हैं कि भारत को बचाने के लिए हमें भाजपा को हराना जरुरी है .’ उन्होंने कहा कि, ‘अब राहुल गांधी क्या करना चाहते हैं यह उन पर निर्भर करता है . राहुल गांधी अपनी मां और दादी से भिन्न है, जिन्होंने कर्नाटक में भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ा था, केरल में वाम दल के खिलाफ लड़कर वे देश को क्या संदेश देना चाहते हैं . उन्हें देश को बताना चाहिए कि वे भाजपा के खिलाफ लड़ाई के इच्छुक हैं या वाम दल के. यह उन्हें यह साफ़ करना चाहिए.
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