नई दिल्लीः आज दुनियाभर में ट्रांसजेडरों के अधिकार को लेकर आंदोलन चल रहा है। कई देश अपने यहां के कानून में बदलाव लाकर उन्हें तमाम तरह के अधिकार मुहैया करा रहे हैं। इसी कड़ी में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड ने उनके लिए बड़ा निर्णय लिया है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया शीघ्र अपनी टीम में ट्रांसजेडर खिलाड़ियों को स्शान देगा। इसके लिए ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड ने गाइडलाइन भी जारी कर दी हैं। दिशानिर्देशों के सामने आने के बाद अब ट्रांसजेंडर भी उच्चतम स्तर पर खेल में हिस्सा ले सकते हैं।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की नीति के अनुसार, जो राज्य और राष्ट्रीय महिला टीम में खेलने की इच्छा रखते हैं वो ट्रांसजेंडर और लिंग-विविध खिलाड़ियों के लिए एक टेस्टोस्टेरोन (पुरुष और स्त्री के हारमोन वाला टेस्ट) सीमा निर्धारित की है। ऑस्ट्रेलिया की महिला टीम में शामिल होने के लिए ट्रांसजेंडर खिलाड़ी को टेस्टोस्टेरोन मापदंड पर खरा उतरना होगा। ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों को 12 महीनों में कम से कम 10 नैनोमीटर प्रति लीटर से कम का टेस्टोस्टेरोन सांद्रता का टेस्ट देना होगा।
क्रिकेटर्स को इस बात भी प्रदर्शन करना होगा कि उनका जेंडर कंसिस्टेंट है। यह एक ऐसा होना चाहिए जिसके साथ वे अपना दैनिक जीवन जी रहे हैं। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड का ये फैसला आईसीसी के लिंग विविधता दिशानिर्देशों से निकटता से जोड़ता है। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड का यह फैसला एक नजीर बन सकता है। आशा की जा रही है कि दुनिया के अन्य क्रिकेट बोर्ड भी इस फैसले से सीख ले सकते हैं।