नई दिल्ली: दिल्ली क्राइम ब्रांच ने निजामुद्दीन मरकज स्थित तब्लीग़ी जमात के मुखिया मौलाना साद के 5 साथियों के पासपोर्ट जब्त कर लिए हैं. ये पांचों नामजद आरोपी हैं और मौलाना साद के बेहद ख़ास भी हैं. जब तक इस मामले की जांच चलेगी, तब तक उक्त लोगों में से कोई भी व्यक्ति देश के बाहर नहीं जा सकेगा. क्राइम ब्रांच के सूत्रों के अनुसार तब्लीगी जमात में मौलाना साद के अलावा इन पांचों आरोपियों की भूमिका अहम् है. मरकज से जुड़ा कोई भी फैसला हो, मौलाना साद इन लोगों को उसमें अवश्य शामिल करता था.
इससे पहले दिल्ली स्थित, निजामुद्दीन मरकज मामले में ED ने मौलाना साद के बेहद खास मुरसलीन नाम के व्यक्ति से पूछताछ की थी. सूत्रों के अनुसार, मुरसलीन विदेशी जमातियों के संपर्क में रहता था और मरकज में आने वाले दान की पूरी जानकारी रखता था. मरकज से सम्बंधित कई खातों के हिसाब किताब भी इसी के पास हैं. मुरसलीन कई बार विदेश यात्राएं भी कर चुका है.
जानकारी के अनुसार, मुरसलीन सारा हिसाब किताब उर्दू में लिखता था. मरकज से जो हिसाब किताब के कागज़ात अपराध शाखा को मिले थे वो अधिकतर मुरसलीन ने ही लिखे थे. उन दस्तावेजों को अपराध शाखा ने ED को सौंप दिए थे. इससे पहले दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा साद के बेटों और रिश्तेदारों सहित कुल 166 जमातियों से पूछताछ कर चुकी है. सूत्रों के अनुसार, अधिकतर जमातियों ने क्राइम ब्रांच को दिए अपने बयान में माना कि 20 मार्च के बाद मरकज में रुकने के लिए मौलाना साद ने ही कहा था.
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