चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) के निर्देश पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा, देह व्यापार के दलदल में फंसी नाबालिग लड़कियों की मुक्ति के लिए राजधानी के वैश्यालयों से जुड़े हर शख्स की जांच की जाएगी. साथ ही यहाँ रहने वाली हर महिला के घर, परिवार, उम्र की लिस्ट के अलावा वह यहाँ कितने वर्षों से हैं और किसे क्या बीमारी है और कितनी बार गर्भवती हुई, इसकी भी सूची तैयार की जाएगी.
क्राइम ब्रांच विशेष तौर पर नाबालिग लड़कियों व बच्चों के लिए अलग से लिस्ट तैयार करेगा. उनकी उम्र के प्रमाण के साथ यह भी दर्ज करना होगा कि उनमें एड्स या एचआईवी जैसे यौन संक्रमण है कि नहीं. CWC ने दिल्ली पुलिस अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किया है. CWC ने क्राइम ब्रांच से 28 दिसंबर तक रिपोर्ट भी मांगी है.
दिल्ली महिला आयोग के अनुसार, जीबी रोड में, देश के विभिन्न हिस्सों से नाबालिग लड़कियों को लाकर उन्हें वैश्यावृत्ति में धकेल दिया जाता है. अब क्राइम ब्रांच जो लिस्ट तैयार करेगी, CWC उसका मिलान किडनैपिंग और गुमशुदगी के मामलों से करेगी. CWC का मानना है कि वैश्यालयों में रहने वाले नाबालिगों में यौन संक्रमण, प्रताड़ना, नशे की लत, शिक्षा से वंचित रहने, बचपन खोने और मौत तक का खतरा रहता है. महिला आयोग के अनुसार, जीबी रोड पर से लड़कियों को मुक्त तो करवाया जाता है, पर अधिकतर को सिस्टम की गलती से वापस कोठों पर भेज दिया जाता है.
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