देहरादूनः उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में हत्या के एक मुकजमें में अदालत ने न दोषियों को आजीवन कारावास और पांच को साक्ष्य छिपाने के दोष में तीन-तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। यह वारदात देहरादून के विकासनगर में चुनावी रंजिश में की गई थी। इस मामले में एक आरोपी को दोष मुक्त हो चुका है, जबकि एक की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी। 31 दिसंबर 2015 को कालसी खैरवा के पास सुरेंद्र सिंह राणा पुत्र महते सिंह राणा निवासी ग्राम धनोरा सिलवर नगर थाना बिनौली बागपत की हत्या कर दी गई थी।
मामले में सुरेंद्र के भाई राजकुमार राणा और देवेंद्र राणा ने कालसी थाने में तहरीर दी थी।उन्होंने अपने ही गांव निवासी संजीव राणा पुत्र दरियान सिंह हाल निवासी कृष्ण विहार सेवला कला चंद्रबनी देहरादून, अनिल राणा पुत्र रामफल और विजयवीर उर्फ नीटू मास्टर पुत्र दयाचंद हाल निवासी देहरादून के साथ किरण पाल पुत्र महेंद्र, अरविंद कुमार पुत्र राम मेहर, संजय पुत्र भोपाल सिंह, जितेंद्र पुत्र सुखवीर, चंदर पुत्र प्रकाश सिंह, कुलदीप शर्मा पुत्र सुरेश शर्मा और कुलदीप पुत्र राम निवास हाल निवासी निर्मल सेक्टर-चार पंचकूला हरियाणा पर हत्या का आरोप लगाया था।
आरोप था कि ये लोग साजिश के तहत सुरेंद्र को को नये साल की पार्टी के बहाने ले गए थे और उसकी हत्या कर दी। हत्या के पीछे पंचायत चुनाव की रंजीश को कारण बताया गया था। तहरीर में देवेंद्र ने बताया था कि अनिल और संजीव के चाचा प्रधान पद के लिए खड़े हुए थे जबकि, विजय वीर की पत्नी जिला पंचायत का चुनाव लड़ी थी। लेकिन दोनों ही हार गए थे। वह अन्य उम्मीदवारों की मदद करने कारण सुरेंद्र से रंजिश रखते थे।
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