शिमला : हाल ही में हिमाचल में हुए विधानसभा चुनाव में चुनकर आये एक विधायक पर शपथ लेने के मात्र तीन दिन बाद ही एक प्रकरण दर्ज हो गया. जिन विधायक पर आपराधिक मामला दर्ज़ हुआ वे बिलासपुर जिला के झंडूता के विधायक जीत राम कटवाल हैं. कटवाल पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ की है.
अब इस बात को लेकर उनके विरोधी उन्हें घेरने में लग गए हैं. यह मामला गरमा गया है और विरोधियों को मौका मिल गया. बता दें कि कटवाल एक रिटायर्ड आईएएस अफसर हैं. उन पर जो प्रकरण दर्ज़ किया गया है वह उनके सेवाकाल का है जब वे महिला बाल विकास विभाग में आउटसोर्स आधार पर कार्यरत थे.
गौरतलब है कि कटवाल पर IPC की धारा 465, 466 व 469 के अन्तर्गत मामला दर्ज़ किया गया है. उन पर आरोप है कि जब वे प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर कार्यरत थे तब उन्होंने पद पर रहते हुए आरटीआई के दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की थी. यह आरोप प्रताप सिंह वर्मा ने लगाया है और उनका कहना है कि 2015 में सेवानिवृत्ति के बाद जब वे महिला बाल विकास विभाग में आउटसोर्स आधार पर कार्य कर रहे थे तब उन्हें 2016 में एक्सटेंशन मिली और वे उसी विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे थे. अपने पद पर आसीन रहते हुए उन्होंने सरकारी दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की. इस मामले में अदालत ने पुलिस को कटवाल पर केस दर्ज़ करने के निर्देश दिए और शिकायतकर्ता से इस मामले के रिकॉर्ड को अपने कब्जे में लेकर जांच के आदेश दिए.
वहीं कांग्रेस सेवादल के प्रेस सचिव गुरुदास सिंह का कहना है कि कटवाल को नैतिकता को ध्यान में रखते हुए अपने पद से इस्तीफ़ा दे देना चाहिए. उनका कहना है कि जब बीजेपी भ्र्ष्टाचार के खिलाफ है तो मुख्यमंत्री को तुरंत ही कटवाल से इस्तीफ़ा लेना चाहिए. वहीं इस मामले में कटवाल ने कहा कि वे शीतकालीन क्षेत्र में व्यस्त हैं और उन्हें इस मामले कोई भी जानकारी नहीं है.
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