कोरोना महामारी की दूसरी लहर से लोगों और कंपनियों को राहत देने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बुधवार को कर्ज पुनर्गठन यानी लोन रीस्ट्रक्चरिंग 2.0 समेत कई नए कदमों का ऐलान किया। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा कि देश में मौजूद मध्यम आकार की आधी कंपनियां इस योजना के तहत रीस्ट्रक्चरिंग 2.0 का लाभ लेने के योग्य हैं।
Crisil ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से छोटे और मझोले बिजनेस (SMEs) पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ा है, जो कि अब तक कोरोना की पहली लहर से भी नहीं ऊबर पाए थे। RBI के रीस्ट्रक्चरिंग 2.0 योजना से ऐसी इकाइयों को अपनी देनदारियों को रीशेड्यूल करने में सहायता प्राप्त होगी और उन पर से लिक्विडिटी का प्रेशर कम होगा।
Crisil ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वह भारत की 6800 मिड-साइज्ड कंपनियों की रेटिंग करती है, इनमें से 3400 से ज्यादा कंपनियां लोन रीस्ट्रक्चरिंग 2.0 के योग्य हैं, जिन पर 25 करोड़ रुपये का बैंक लोन है। क्रिसिल के चीफ रेटिंग ऑफिसर सुबोध राय ने बताया कि रीस्ट्रक्चरिंग 2.0 से नियर टर्म में कैश-फ्लो के मिसमैच से बचाने में सहायता करेगा और छोटी कंपनियों को राहत प्राप्त होगी। आपको बता दें कि रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को घोषणा की कि कुल 25 करोड़ रुपये तक के कर्ज वाली इकाइयों के कर्ज के पुनर्गठन पर विचार किया जा रहा है।
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