मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर सवा साल पहले से संकट के बादल मंडरा रहे है. हालांकि कांग्रेस ने दावा किया कि मध्य प्रदेश सरकार को अब कोई खतरा नहीं है, उसके विधायक लौट आए हैं, लेकिन भाजपा का दावा है कि कांग्रेस के 15 से 20 विधायक उसके संपर्क में हैं. वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि मप्र सरकार को कोई संकट नहीं है. वहीं भाजपा नेता और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कहा कि कांग्रेस विधायक काम नहीं करवा पा रहे हैं, इसलिए उनमें असंतोष व्याप्त है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि भोपाल से लेकर दिल्ली तक मंगलवार रात से शुरू हुआ मध्य प्रदेश का सियासी संग्राम अगले एक-दो दिन में और भी तेज होने के आसार हैं. भाजपा का कहना है कि असली खेल तो अब शुरू होगा. दरअसल मंगलवार रात कमलनाथ सरकार की कुर्सी को हिलाने वाले सियासी भूकंप का केंद्र दिल्ली और हरियाणा में रहा. भाजपा और कांग्रेस के बीच रातभर विधायकों की खींचतान का ड्रामा चला. हॉर्स ट्रेडिंग को लेकर चल रहे घटनाक्रम के बीच बुधवार को चार बागी विधायकों को विशेष विमान से दिल्ली से भोपाल लेकर आ गए. चार अब भी लापता बताए गए हैं.
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अगर आपको नही पता तो बता दे कि एदल सिंह कंषाना (कांग्रेस) राजेश शुक्ला (सपा), संजीव सिंह कुशवाह (बसपा) और रामबाई (बसपा) इन विधायकों को विशेष विमान से बेहद ही गोपनीय ढंग से स्टेट हैंगर से बाहर निकाला गया और सीधे मुख्यमंत्री निवास ले जाया गया, जहां उनकी मुख्यमंत्री के साथ लंबी बैठक चली.
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