नई दिल्ली : किसानों को हर साल किसी न किसी तरह से फसलों का नुकसान होता है. जिससे उन्हें उभारने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. उन्हें बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ने को लेकर किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए एक उपकरण के रूप में उपयोग करने की नीति बनाई है.
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सरकार के मुताबिक जिन किसानों के पास यह कार्ड है उनकी फसल का बीमा तो अपने आप हो जाता है. जबकि जिनके पास यह कार्ड नहीं है उन्हें फसल बीमा नहीं मिल पता है. इसके अलावा कृषि मंत्रालय की निगरानी में चल रही फसल बीमा योजना की रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि कंपनियां बगैर कार्ड वाले किसानों से संपर्क बनाने में भी करती हैं.
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इसका कारण यह है कि इन किसानों को बीमा देने पर कंपनियों का अतिरिक्त खर्च हो जाता है. किसान क्रेडिट कार्ड में किसानों को निर्धारित राशि तक उधार दिया जाता है. जिस पर बैंक कम से कम ब्याज लेती है. देश भर में किसानों को 4.56 करोड़ से भी ज्यादा कार्ड जारी किए गए हैं. लेकिन इनमे से केवल 2.35 करोड़ क्रेडिट कार्ड ही अभी सक्रिय है. अब सरकार किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए बैंको को सालाना टारगेट देगी.
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