लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बदायूँ में दो छोटे-छोटे भाइयों की निर्मम हत्या करने वाले साजिद को यूपी पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने साजिद की लाश उसके परिजनों को सौंप दी थी। अब साजिद के जनाजे की एक तस्वीर सामने आई है, जिसमे सैड़कों लोग मौजूद दिखाई दे रहे है। वैज्ञानिक और लेखक आनंद रंगनाथन ने इसकी तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा है कि, 'साजिद ने ग्यारह वर्षीय आयुष और छह वर्षीय अहान का गला काट दिया और फिर कथित तौर पर उनका खून पी लिया। रमज़ान के पवित्र महीने में। ये उसके जनाजे का दृश्य है।'
कई और लोगों ने भी इस तस्वीर को पोस्ट करते हुए सवाल उठाए हैं कि आखिर दो मासूम बच्चों का क़त्ल करने वाले हत्यारे साजिद से लोगों का इतना लगाव क्यों ? क्या वे सब साजिद का समर्थन करते थे ? जिबु सिन्हा ने लिखा है कि, 'यह कैसा समाज है! दो मासूम बच्चो का रक्तपिपासू हत्यारा, उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा मारा गया बंदायु के साजिद के जनाज़े में उमड़ा जनसैलाब..! दो मासूमों ये जनाज़ा और भयानक है।' सचिन कुमार विश्वकर्मा ने जनाजे में शामिल भीड़ पर तंज कसते हुए लिखा है कि, ''यह साजिद का जनाजा है, जिसने दो बच्चों की हत्या की है। जैसा कि साफ तौर पर देखा जा सकता है, उसके समुदाय का एक भी व्यक्ति उसके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुआ। यहां तक कि जनाजा भी हवा में तैर रहा है और अपने आप कब्रिस्तान की ओर बढ़ रहा है। इस बात का सबूत है कि समुदाय ने उसके द्वारा किए गए जघन्य अपराध से खुद को दूर कर लिया है।'' सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि साजिद के जनाजे में लगभग 30 हज़ार लोग शामिल हुए थे। लोग सवाल कर रहे हैं कि, आतंकी याकूब मेनन के जनाजे में हज़ारों लोग शामिल हुए, हत्यारे साजिद के जनाजे में भी हज़ारों लोग पहुंचे, लेकिन पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के जनाजे में केवल अफसर थे, लोग पूछ रहे हैं की आखिर ये तस्वीरें क्या सन्देश देती हैं ? समाज किसका समर्थन कर रहा है ?
ये किसी शहीद का जनाजा नहीं है,
— Roshan upadhyay (@babaroshan2) March 22, 2024
बल्कि "मोहम्मद साजिद" का जनाजा है,
जिसने हाल ही में "बदायूं" में 6 साल और 14 साल के दो बच्चों को जानवरों से भी बदतर तरीक़े से म!र डाला
इसे समझिए.....पहचानिए...!!!#CJIChandrachud#ArvindKejriwal#CongratsKapilMishra #ArvindKejriwalArrested pic.twitter.com/ZQWOX3ivsC
रिपोर्ट के अनुसार, साजिद ने मंगलवार (19 मार्च ) को बाबा कॉलोनी निवासी विनोद ठाकुर के दो बेटों- आयुष (13) और अहान (6) का घर में घुसकर गला रेता दिया था और कथित तौर पर उनका खून भी पीया था। वहीं तीसरा बच्चा पीयूष उसके हमले से बाल-बाल बच गया था। हत्या के वक़्त साजिद पर इतनी दरिंदगी सवार थी कि कुछ रिपोर्ट का दावा हैं कि हत्या के बाद साजिद के न केवल हाथ खून से सने थे बल्कि उसके मुँह पर भी खून लगा हुआ था जैसे उसने गला रेतकर खून पिया हो।
यह साजिद का जनाजा है, जिसने दो बच्चों की हत्या की है।
— Sachin Kumar Vishwakarma (@apnasachinkumar) March 22, 2024
जैसा कि साफ तौर पर देखा जा सकता है, उसके समुदाय का एक भी व्यक्ति उसके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुआ। यहां तक कि जनाजा भी हवा में तैर रहा है और अपने आप कब्रिस्तान की ओर बढ़ रहा है।
इस बात का सबूत है कि समुदाय ने उसके… pic.twitter.com/w9Zy2ylQDD
उत्तर प्रदेश के बदायूँ में सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र में बाबा कॉलोनी के निवासी ठेकेदार विनोद ठाकुर के 3 बच्चे अपने घर पर थे। शाम को 6:30 बजे उनके यहाँ घर के नजदीक ही एक हेयर सैलून चलाने वाले साजिद और जावेद घर पर आए। विनोद ठाकुर की पत्नी संगीता ने दरवाजा खोला, तो आरोपियों ने उनसे क्लैचर माँगा और फिर 5000 रुपए माँगने लगे।
संगीता (पीड़ित माँ) ने बताया कि साजिद ने उनसे कहा कि उसकी पत्नी की डिलीवरी होने वाली है, डॉक्टर ने वक़्त दिया है, 5 बच्चे पहले ही खत्म हो चुके हैं, उसे पैसों की आवश्यकता है। इसके बाद संगीता ने अपने पति विनोद ठाकुर को फोन पर पूरी बात बताई। विनोद ने भी कहा कि वो साजिद को रुपए दे दें क्योंकि मुश्किल वक़्त सबपर आता है, सहायता करनी चाहिए। इसके बाद संगीता ने साजिद को उसकी बीवी कि डिलीवरी के लिए 5000 रुपए दे दिए। इसके बाद साजिद ने संगीता चाय बनाने को कहा।
-Funeral of terr0rist Yakub Menon: 3 lakh MusIims participated
— Mr Sinha (Modi's family) (@MrSinha_) March 22, 2024
-Funeral of murd€rer Md Sajid : 30 thousand MusIims participated
-Funeral of great man APJ Abdul Kalam : Not even 300 MusIims participated
All 3 were MusIims & yet this difference, says a lot about their mindset. pic.twitter.com/IRwWY81WEc
उसने कहा, “भाभी चाय बनाओ मैं अभी ऊपर से आ रहा हूँ।” संगीता को लगा कि शायद पत्नी अस्पताल में है इसलिए वो परेशान होगा। संगीता ने उसे छत पर जाने दिया। इसके बाद साजिद ने एक एक कर सभी बच्चों को छत पर बुलाया। यहाँ उसने बड़े वाले भाई को अपने पास रोककर छोटे वाले से कहा कि वो पानी ला दे और बीच वाले से कहा वो गुटका खरीद लाए। सबके इधर-उधर होते ही साजिद ने पहले आयुष और अहान का गला काटा। वहीं पीयूष ने जब छत पर जाकर देकर देखा तो वो चाकू लेकर उसके पीछे भी दौड़ा, मगर पीयूष किसी प्रकार बचकर चिल्लाते हुए नीचे आ गया। उसकी आवाज सुन माँ-दादी दोनों डर गए। उन्होंने ऊपर जाकर देखा तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई।
साजिद खून से सने हाथ लेकर उनके सामने खड़ा हुआ था और जावेद घर के नीचे था। माँ-दादी ने बच्चों की लाश देख चिल्लाना शुरू किया तो पड़ोसी जमा हो गए। उन्होंने संगीता और पीयूष किसी प्रकार बाहर निकला और भीड़ जमाकर होकर मंडी समिति पुलिस चौकी गई। तब तक साजिद और जावेद फरार हो चुके थे।
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