मकर संक्रांति से पहले गंगासागर में उमड़ा जनसैलाब, हार्ट अटैक से 3 श्रद्धालुओं की मौत

मकर संक्रांति से पहले गंगासागर में उमड़ा जनसैलाब, हार्ट अटैक से 3 श्रद्धालुओं की मौत
Share:

कोलकाता: मकर संक्रांति का पवित्र स्नान मंगलवार सुबह 6:58 बजे से शुरू होकर बुधवार सुबह तक रहेगा, लेकिन गंगासागर के तट पर श्रद्धालुओं की भीड़ पहले से ही उमड़ पड़ी है। देश के कोने-कोने से तीर्थयात्रियों ने समुद्र में स्नान कर कपिल मुनि के मंदिर में पूजा-अर्चना की। संक्रांति के दिन की भीड़ से बचने के लिए कई श्रद्धालुओं ने पहले ही स्नान और पूजन कार्य संपन्न कर लिया। 

रविवार शाम तक लगभग 42 लाख श्रद्धालु गंगासागर पहुंच चुके थे, और मंगलवार तक यह संख्या 80 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है। हालांकि, इस विशाल मेले में तीन श्रद्धालुओं की मौत की खबर भी सामने आई है। प्रशासन के मुताबिक, तीनों की मौत का कारण हार्ट अटैक रहा। मृतकों में उत्तर प्रदेश के अवधेश तिवारी शामिल हैं, जिनका निधन रविवार को हुआ, जबकि सोमवार सुबह दो अन्य श्रद्धालुओं की मौत हो गई। 

इस वर्ष महाकुंभ के आयोजन का गंगासागर मेले पर असर साफ दिखाई दे रहा है। साधु-संतों की उपस्थिति अपेक्षाकृत कम है, क्योंकि कई संत प्रयागराज के महाकुंभ में व्यस्त हैं। बावजूद इसके, आम तीर्थयात्रियों की भीड़ हर वर्ष की तरह उमंग और श्रद्धा के साथ गंगासागर में उमड़ रही है। प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी से लेकर 12 जनवरी तक करीब 42 लाख श्रद्धालु गंगासागर में स्नान के लिए पहुंचे हैं। 

गंगासागर मेले में भारी भीड़ को देखते हुए दक्षिण 24 परगना जिला प्रशासन और पुलिस ने व्यापक इंतजाम किए हैं। मेले की सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए 13,000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। पूरे क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरों की मदद से निगरानी की जा रही है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन ने सागर तट पर 54 किलोमीटर लंबी बैरिकेडिंग लगाई है, ताकि भीड़ नियंत्रण में रहे और आवागमन सुगम हो। 617 ड्रॉप गेट और 62 जॉइंट स्क्रीन के साथ 8 एलईडी जोन बनाए गए हैं, जिनमें कपिल मुनि के दर्शन, गंगा आरती, और सागर कथा का सीधा प्रसारण किया जा रहा है। कोलकाता के आउट्राम घाट से लेकर गंगासागर तट तक एक मेगा कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जहां से पूरे मेले पर नज़र रखी जा रही है। 

गंगासागर मेले में तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। जगह-जगह मेडिकल कैंप लगाए गए हैं, ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति से तुरंत निपटा जा सके। इसके अलावा, गंगासागर के पूरे तटीय क्षेत्र में सेवा समितियां तैनात हैं, जो तीर्थयात्रियों को भोजन, पानी और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करा रही हैं। 

गंगासागर तट पर समुद्र में स्नान करने के लिए लाखों की संख्या में आए ये तीर्थयात्री हिंदू धर्म में आस्था और विश्वास का प्रतीक हैं। मान्यता है कि यहां स्नान करने से सभी पापों का क्षय होता है और कपिल मुनि के दर्शन से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस बार के आयोजन की भव्यता और भीड़ की शांति को देखकर प्रशासन और श्रद्धालु, दोनों संतुष्ट हैं। पुलिस प्रशासन की चाक-चौबंद व्यवस्था और तकनीक के इस्तेमाल से गंगासागर मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा प्रदान की जा रही है। 

गंगासागर मेला हर वर्ष लाखों तीर्थयात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। संक्रांति के शुभ मुहूर्त पर गंगा और समुद्र के संगम पर स्नान करना भारतीय परंपराओं और धार्मिक आस्थाओं का सबसे बड़ा उदाहरण है। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक एकता और विविधता का भी प्रतीक है। श्रद्धालुओं की उमंग, आस्था, और प्रशासन की बेहतर व्यवस्था ने गंगासागर मेले को इस वर्ष भी सफल और भव्य बनाया है।

Share:

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
- Sponsored Advert -