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strong>वाशिंगटन: इस साल के आरम्भ में अमेरिका ने 2015 में हुई ईरान परमाणु संधि से अपना नाम वापस ले लिया है, तब से ही ईरान और अमेरिका के रिश्ते में कटुता व्याप्त हो चुकी है जो लगातार बढ़ती जा रही है. 2017 में ईरान पर प्रतिबन्ध लगाने के बाद हाल ही में अमेरिका ने ईरान पर दुबारा प्रतिबन्ध लगाए है.
अमेरिका की संपत्ति का हर कोई उठा रहा है फायदा: ट्रंप
अमेरिका ने ईरान से व्यापारिक रिश्ता रखने वाले देशों को ईरान से नवंबर तक ईरान से व्यापारिक सम्बन्ध समाप्त करने की चेतावनी जारी की थी, अमेरिका इस चेतावनी के बाद दक्षिण कोरिया ने सबसे पहले ईरान से तेल आयात करना बंद कर दिया है. बता दें कि भारत ईरान से सर्वाधिक पेट्रोलियम आयात करता है, अमेरिका को ऎसी आशा है की नवंबर तक भारत भी ईरान से तेल आयात बंद कर देगा ऐसे में भारत की अर्थव्यवस्था पर कोई असर ना पड़े इस लिहाज़ से अमेरिका भारत के लिए वैकल्पिक तेल आपूर्तिकर्ता की तलाश कर रहा है. हालांकि अभी तक भारत ने ईरान से तेल आयात में किसी भी प्रकार की कटौती नहीं की है. ईरान ने भी भारत को तेल आपूर्ति करते रहने की प्रतिबद्धता दोहराई है. अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि अमेरिका को पूरी तरह से उम्मीद है कि भारत सहित सारे देश ईरान से तेल आयात को शून्य तक लाएंगे.
ईरान के साथ व्यापारिक संबंध रखने वाले देशों को अमेरिका की चेतावनी `
अमेरिकी प्रतिबन्ध के तहत जो देश ईरान के साथ व्यापारिक रिश्ते रखेगा, वह अमेरिकी बैंकिंग प्रणाली के साथ आर्थिक सहायता से बहिष्कृत कर दिया जायेगा. हालांकि अभी इस प्रतिबंध पर संयुक्त राष्ट्र की मुहर नहीं लगी है, और भारत की हमेशा यही नीति रही है कि सिर्फ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के द्वारा लगाए गए प्रतिबधों का पालन करता है. भारत को लेकर अमरीका के मन में इसी बात को लेकर शंका बानी हुई है.
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