नई दिल्ली: वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) और हैदराबाद के लक्षाई लाइफ साइंसेज प्रा. लिमिटेड को DCGI की तरफ से कोविड रोगियों के इलाज के दौरान क्लिनिकल परिणामों में सुधार के लिए कोल्सीसिन (Colchicine) दवा की सुरक्षा और प्रभावकारिता का आकलन करने को लेकर फेस-2 क्लिनिकल ट्रायल की विनियामक मंजूरी दे दी गई है.
इस अहम क्लिनिकल ट्रायल में भागीदार CSIR इंस्टीट्यूट्स में से CSIR-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (IICT), हैदराबाद और CSIR-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटेग्रेटिव मेडिसिन (IIIM), जम्मू शामिल हैं. CSIR के महानिदेशक डॉक्टर शेखर सी मांडे ने बताया है कि कोल्सीसिन दवा कार्डिएक को-मोर्बिडीटीज वाले कोविड पेशेंट्स और प्रोइन्फ्लेमेटरी साइटोकिन्स को कम करने के लिए एक अहम चिकित्सीय हस्तक्षेप होगा, जिससे तेज रफ़्तार से रिकवरी होगी.
कई अंतर्राष्ट्रीय अध्ययनों ने पुष्टि की है कि कोरोना संक्रमण और पोस्ट-कोविड सिंड्रोम के दौरान हृदय संबंधी जटिलताओं से कई मरीजों की मौत हो गई है, और नई या पुनर्निर्मित दवाओं की तलाश करना आवश्यक हो गया है. CSIR के दो सहयोगी संस्थानों ने कहा कि वे कोल्सीसिन पर इस दूसरे चरण के क्लिनिकल प्रभावकारिता ट्रायल के रिजल्ट का इंतज़ार कर रहे हैं, जिससे अस्पताल में एडमिट मरीजों की जान बचाई जा सकती है.
कोरोना से मौत के सही आंकड़े छुपाए, इस्तीफा दें योगी, रुपाणी और शिवराज - कांग्रेस
तेलंगाना के पूर्व मंत्री एटाला राजेंद्र जल्द ही सौपेंगे इस्तीफ़ा