नई दिल्ली: कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की सोमवार को होने वाली बैठक से पूर्व पार्टी में पूर्णकालिक अध्यक्ष के चुनाव को लेकर उठी मांग के साथ ही परेशानियों का बाजार भी गर्म होता जा रहा है, लेकिन यह तय बताया जा रहा है कि जो भी चेहरा सामने आ जाएगा वह सोनिया गांधी का भरोसेमंद होगा. फिलहाल जिन नामों की बात की जा रही है उनमें राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, महासचिव मुकुल वासनिक, वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे और मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे नाम मौजूद हैं. याद रहे इसमें वासनिक को छोड़कर किसी ने भी उस पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किया है जो सोनिया गांधी को भेजा गया था, जंहा इस बात का पता चला है कि वासनिक भी सोनिया के विश्वासपात्रों में शुमार हैं.
मिली जानकारी के अनुसार लंबे वक़्त के उपरांत कांग्रेस में गांधी नेहरू परिवार से बाहर का अध्यक्ष बनने की राह भी तैयार की जाने वाली है. ऐसे में यदि चुनाव की नौबत आती है और उक्त नेताओं के नाम को आगे बढ़ाया जाता है तो राहुल गांधी की यंग ब्रिगेड के लिए भी विरोध करना कठिन होगा. बता दें कि राहुल के पक्ष में आवाज उठाने वाले नेताओं में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, दिग्विजय सिंह, महाराष्ट्र के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव चल्ला वामशी चंद रेड्डी जैसे नेता मौजूद हैं.
जंहा इस बात का पता चला है कि पूर्व मंत्रियों एवं कांग्रेस के कुछ सांसदों के एक समूह ने सोनिया गांधी को लिखे अपने पत्र में एक पूर्णकालिक, सक्रिय नेतृत्व नियुक्त करने की अपील कर रहे है, जिन तक कार्यकर्ता और नेता आसानी से आ गए है. पत्र के जरिए इन नेताओं ने पार्टी संगठन में ऊपर से नीचे तक परिवर्तन करने की भी अपील कर रहे है. नेताओं ने बताया है कि आप (सोनिया गांधी) या तो पार्टी में पूर्णकालिक अध्यक्ष जिम्मेदारी ले या फिर जिसके लिए चुनाव होना जरुरी है. पत्र लिखने वालों में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, वीरप्पा मोइली, शशि थरूर, राज बब्बर, रेणुका चौधरी, भूपेंद्रसिंह हुड्डा, अखिलेश सिंह, मुकुल वासनिक, मनीष तिवारी और मिलिंद देवड़ा, जितिन प्रसाद, संदीप दीक्षित के नाम हैं.
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