नई दिल्ली : शुक्रवार की शाम को ब्रिटेन के दर्जनों अस्पतालों के कंप्यूटर्स को हैकर्स ने रैंजमवेयर के जरिए हैक करने का मामला सामने आया है. ताजा रिपोर्ट के अनुसार अब 99 देश इस साइबर हमले की चपेट में आ गए हैं. इसके तहत लगभग 75 हजार कंप्यूटर्स को निशाना बनाया गया है. खबर है कि यूरोप, अमेरिका, चीन और रूस में कई जगह कंप्यूटर्स ने काम करना बंद कर दिया है.
बताया जा रहा है कि ब्रिटेन के जिन अस्पतालों के कंप्यूटर्स हैक हो रहे हैं, उनमें ज्यादातर Windows XP पर चलते हैं.इस साइबर अटैक की वजह से अमेरिकन मल्टिनेशल कूरियर डिलिवरी सर्विस FedEx के कंप्यूटर्स को भी नुकसान हुआ है. इस अटैक का असर रूस में ज्यादा दिख रहा है. रूस के गृह मंत्रालय ने इस बात को माना है कि वहां भी साइबर अटैक हुआ है. वहीं स्पेन की सबसे बड़ी नेशनल टेलीकम्यूनेकशन फर्म टेलीफोनिक और टेलीकॉम दिग्गज टेलीफोका भी इस साइबर अटैक के दायरे में है. बता दें कि रैंजमवेयर एक तरीके का मैलवेयर होता है जो कंप्यूटर को रिमोटली लॉक करके डेटा एन्क्रिप्ट कर देता है.
आपको बता दें कि यह साइबर अटैक Windows कंप्यूटर्स में हो रहा है और खास कर उनमें जिनमें XP है.साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स और एथिकल हैकर्स का मानना है कि यह एक शुरुआत है, क्योंकि इस बार हैकर्स ने NSA के लीक्ड टूल को हथियार बनाया है, जिसे एनएसए ने अपने हैकिंग के लिए बनाया था.
उल्लेखनीय है कि इसे डिक्रिप्ट और कंप्यूटर को अनलॉक करने के लिए हैकर्स रुपयों की मांग करते हैं.जो कंप्यूटर्स हैक हुए हैं उन्हें खोलने पर एक मैसेज दिखाई दे रहा है जिसमें कहा गया है कि फ़ाइल रिकवर करना चाहते हो तो पैसे चुकाने होंगे. बिटकॉइन में फिरौती मांगे जाने की खबर है.
जहाँ तक भारत का सवाल है तो फ़िलहाल यहां हमले की खबर नहीं है. बता दें कि भारत में अधिकांश ऑफिसों में Windows XP उपयोग होता है, चाहे एटीएम हों या प्राइवेट/सरकारी दफ्तर. इसलिए सरकार को चाहिए की इस पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम को बदलना चाहिए ,क्योंकि जिस तरह यह साइबर अटैक तेजी से पांव पसार रहा है, उसे देखते हुए ऐसा लगता है कि जल्द ही एशियाई देशों में भी फैलेगा.
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