चेन्नई: तमिलनाडु में चक्रवात फेंगल ने भीषण तबाही मचाई है, जिससे राज्य के 14 जिलों में लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। चक्रवात की वजह से अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से एक ही परिवार के सात सदस्य शामिल हैं। यह घटना तिरुवन्नमलाई जिले के अन्नामलैयार पहाड़ी इलाके में हुई, जहां रविवार (1 नवंबर 2024) को भूस्खलन के कारण एक परिवार के सात लोग जिंदा दफन हो गए। इसमें एक महिला, उसका पति और उनके पांच बच्चे शामिल थे। सोमवार (2 नवंबर 2024) को उसी क्षेत्र में दूसरा भूस्खलन हुआ, जिससे बचाव कार्य और भी कठिन हो गया।
चक्रवात ने तमिलनाडु के कई हिस्सों को पूरी तरह तबाह कर दिया है। 12 लोगों की मौत के साथ-साथ भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। लाखों करोड़ों की संपत्ति और बुनियादी ढांचा क्षतिग्रस्त हुआ है। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से ₹2,000 करोड़ की सहायता की मांग की है। मुख्यमंत्री के अनुसार, चक्रवात ने 2,416 झोपड़ियाँ और 721 मकान ढहा दिए, 963 मवेशी मारे गए, और 2 लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि जलमग्न हो गई। इसके अलावा, 9,576 किमी सड़कें, 23,664 बिजली के खंभे, 5,936 स्कूल और 205 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी पूरी तरह नष्ट हो गए हैं।
राज्य में आई इस भीषण आपदा के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने इसे 'अभूतपूर्व आपदा' करार दिया है और राज्य सरकार ने राहत कार्य शुरू कर दिए हैं। राज्य की कई एजेंसियाँ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत कार्यों में जुटी हुई हैं, लेकिन चक्रवात की तबाही इतनी व्यापक है कि पूरी स्थिति पर काबू पाना एक बड़ा चुनौती बन गया है।