नई दिल्ली: ताउते तथा यास चक्रवाती तूफान के पश्चात् अब एक और तूफान का संकट देशभर में मंडराने लगा है, जिसको ‘जवाद साइक्लोन’ नाम दिया गया है। जवाद को लेकर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने देश भर में अलर्ट जारी कर दिया है। मौसम विभाग ने कहा कि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का इलाके में तेज होकर चक्रवाती तूफान जवाद में जल्द बदल सकता है। IMD ने कहा कि चक्रवाती तूफान के शनिवार प्रातः उत्तरी आंध्र प्रदेश एवं दक्षिण ओडिशा के तटों तक पहुंचने की संभावना है। विभाग ने बताया कि विशाखापत्तनम से लगभग 770 किमी दक्षिण-दक्षिण पूर्व में बृहस्पतिवार देर रात बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना दबाव उत्तर पश्चिम की तरफ बढ़ने की संभावना है। खबर के अनुसार, यह दबाव शुक्रवार की प्रातः पश्चिम-मध्य से सटे दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक गहरे दबाव में बदल गया है।
मौसम विभाग के मुताबिक, यह दबाव अगले 12 घंटों के चलते एक चक्रवाती तूफान में परिवर्तित होने के पश्चात् तेज हो जाएगा तथा शनिवार प्रातः तक उत्तर आंध्र प्रदेश-ओडिशा तट तक पहुंच जाएगा। मौसम विभाग ने संभावना व्यक्त की कि 3 दिसंबर को जवाद मध्य बंगाल की खाड़ी में चक्रवात के तौर पर विकसित हो जाएगा। अनुमान है कि चक्रवात जवाद की हवा की रफ़्तार शनिवार को कुछ वक़्त के लिए गंभीर चक्रवाती तूफान में परिवर्तित हो सकती है।
ओडिशा, आंध्र प्रदेश एवं गंगीय पश्चिम बंगाल के कई भागों में भारी से बहुत भारी बारिश होने के आसार व्यक्त किए गए है, जिससे निचले क्षेत्रों में बाढ़ एवं खड़ी फसलों, खास तौर पर धान को संभावित हानि पहुंचने की संभावना है। चक्रवात जवाद से पैदा होने वाले प्रतिकूल प्रभावों को रोकने के लिए ओडिशा सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। खास राहत आयुक्त प्रदीप कुमार जेना ने कहा कि सरकार तटीय जिलों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य अग्निशमन सेवा तथा ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ODRAF) समेत 266 टीमों को तैनात करने की रणनीति बना रही है।
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