लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में होली के दिन (18 मार्च) एक दलित शख्स के साथ मारपीट की खबर सामने आई थी। जिसके बाद कई सारे मीडिया हाउस ने ये खबर चलाई थी कि होली के दिन दलित युवक आदेश कुमार को बुलाकर उससे बर्तन धुलवाया गया। इस जब दलित युवक का पैर लगने से शराब का गिलास गिर गया, तो नाराज दबंगों ने दलित युवक के साथ मारपीट करने के बाद तेजाब से उसके माथे पर त्रिशूल का निशान बना दिया।
#Saharanpur | दलित युवक के चेहरे पर तेजाब से बनाया त्रिशूल, पुलिस से भी नहीं मिली मदद pic.twitter.com/aYRpfEPZki
— Quint Hindi (@QuintHindi) March 23, 2022
अमर उजाला प्रिंट ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि सहारनपुर के सदर थाना क्षेत्र के कांशीराम कालोनी के निवासी अनिल कुमार (पुलिस ने नाम आदेश बताया है) ने SSP आकाश तोमर के पास शिकायत की थी। पुलिस को आदेश ने बताया कि उसने कृष्णापुरी कॉलोनी में नींव खोदने का ठेका लिया था। 18 मार्च को कमरे की सफाई करने के दौरान पैर लगने से शराब का गिलास गिर गया। इससे नाराज आरोपितों ने तेजाब से उसके माथे पर त्रिशूल का निशान बना दिया और गाल पर भी हैप्पी होली लिख दिया। वहीं, द क्विंट ने तो इस घटना की ग्राउंड रिपोर्टिंग भी की। द क्विंट ने पीड़ित का वीडियो साझा किया, जिसमें पीड़ित आदेश का दावा है कि 18 तारीख को सुबह 10:30 बजे दबंगों ने उसे लाया औऱ कहा कि उनका काम कर दे। गिलास धोने के लिए कहा गया और जब वह गिलास धोकर वहाँ से लौट रहा था तो शराब का एक गिलास उसके पैर लगने से गिर गया। इस पर टिंकू नाम के लड़के में आँख पर घूँसा मारा और गला दबाकर कहा कि ‘इसको ऐसा सबक सिखाओ, जिसे ये जिंदगी भर न भूले’।
➡️सहारनपुर में दलित व्यक्ति के माथे पर एसिड से त्रिशूल बनाने की घटना के सम्बंध मे डॉक्टरी परीक्षण कराये जाने पर एसिड का होना नहीं पाया गया तथा प्रकरण में विवाद पैसो के लेन-देन का पाया गया है।
— Saharanpur Police (@saharanpurpol) March 23, 2022
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वहीं, अब सहारनपुर पुलिस ने तेजाब से त्रिशूल बनाए जाने की घटना का फैक्ट चेक करते हुए बताया है कि पीड़ित का मेडिकल टेस्ट कराए जाने पर एसिड का पता नहीं चला है। ये विवाद पैसों के लेनदेन का बताया जा रहा है। इस मामले में जिले के SSP ने कहा कि, 'एसिड से त्रिशूल बनाए जाने के मामले में जाँच में ये बात पता चली है कि ये व्यक्ति होली के दिन अपने दो दोस्तों के साथ शराब पी रहा था। शराब पीने के बाद तीनों ने एक दूसरे के चेहरे पर रंग लगाया, जिसका रिएक्शन तीनों के चेहरे पर हुआ। ये जो आदेश है, इसने अपने दोस्तों से 10,000 रुपए उधार लिए थे और पैसे वापस न देना पड़े, इसके लिए इसने झूठे आरोप लगाए हैं।' खुद यूपी पुलिस द्वारा फैक्ट चेक किए जाने के बाद ये साफ़ हो गया है कि कई सारे मीडिया हाउस जबरन इस मामले पर फेक न्यूज फैला रहे हैं।
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