मुंबई: महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने के पश्चात् बुधवार को देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इस के चलते शपथग्रहण समारोह की जानकारी दी गई, साथ ही हल्के-फुल्के मजाक भी किए गए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक महत्वपूर्ण और मजेदार पल तब आया जब एकनाथ शिंदे ने अजित पवार पर चुटकी ली, जिसके बाद सभी उपस्थित लोग ठहाके मारकर हंस पड़े।
दरअसल, प्रेस कॉन्फ्रेंस के चलते एक रिपोर्टर ने सवाल पूछा, "क्या अजित पवार और एकनाथ शिंदे भी कल उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे?" इसपर शिंदे ने कहा, 'अरे अभी तो फडणवीस ने बताया, मैंने बताया, कि शाम तक रुको तब बताता हूं.' शिंदे बोल ही रहे थे कि अजित पवार ने बीच में कहा, 'शिंदे का शाम तक पता चलेगा, मैं तो लेने वाला हूं कल शपथ.' इसपर शिंदे ने कहा, 'दादा (अजित) को अनुभव है, शाम को भी लेने का (शपथ) और सुबह भी लेने का.' इसपर वहां जोर-जोर से ठहाके लगने लगे. इस मजाक पर सभी लोग हंसी से गूंज उठे। यह मजाक खासतौर पर 2019 की घटनाओं की ओर इशारा कर रहा था, जब महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर बहुत विवाद हुआ था।
2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 21 अक्टूबर को हुए थे, तथा परिणाम 24 अक्टूबर को घोषित किए गए थे। उस वक़्त राज्य में किसी भी पार्टी या गठबंधन ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया, जिसके कारण 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी का गठबंधन मुख्यमंत्री पद को लेकर स्पष्टता नहीं ला पाया था। तब शिवसेना ने भाजपा से अपना 30 साल पुराना गठबंधन तोड़ दिया था तथा मुख्यमंत्री पद की मांग की थी। इस राजनीतिक असमंजस के बीच, 23 नवंबर को अजित पवार ने एक चौंकाने वाला कदम उठाया। उन्होंने अपने समर्थकों के साथ भाजपा के साथ गठबंधन कर शपथ लेने का फैसला किया। 24 नवंबर की सुबह, देवेंद्र फडणवीस ने सीएम एवं अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली, यह सबकुछ बहुत जल्दी हुआ था— सुबह 8 बजे से पहले।
यह घटनाक्रम सभी के लिए चौंकाने वाला था, क्योंकि उस समय शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने चुनाव एकजुट होकर लड़ा था तथा ये दल मुख्यमंत्री पद पर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं ले पा रहे थे। अचानक, NCP के अजित पवार ने भाजपा के साथ मिलकर शपथ लेने का फैसला किया। अजित पवार ने दावा किया कि उनके पास एनसीपी के 54 विधायकों का समर्थन था। हालांकि, बाद में यह खुलासा हुआ कि उनके साथ केवल 2-3 विधायक थे, और उनका दावा झूठा था।
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