नई दिल्लीः भारत दुनिया में सबसे बड़ा दूध उत्पादन करने वाला देश है। मगर यहां के दूध उत्पादकों की स्थिति काफ खराब है। उत्पादन की बढ़ती लागत और बाजार से वाजिब कीमत न मिल पाने के कारण सहकारी डेयरी उद्योग संकट में घिर गए हैं। पशुपालक किसानों के सामने उनकी आजीविका के लिए भी मुश्किलें पैदा हो गई हैं। दुग्ध सहकारी संघ ने इस बाबत केंद्र सरकार से सहायता की गुहार लगाई है। दुग्ध प्रसंस्करण की दिशा में प्रयास करने वाले सहकारी संघों को वाजिब सब्सिडी न मिलने से उनकी कठिनाइयां बढ़ गई हैं।
राजस्थान सहकारी उत्पादक दुग्ध संघ के चेयरमैन रामचंद्र चौधरी ने पशु पालकों के साथ होने वाले सौतेले व्यवहार पर सख्त नाराजगी जताते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और पशुपालन व डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह से मुलाकात कर उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया है। रामचंद्र चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'डेयरी उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए सबसे ज्यादा ध्यान दूध के प्रसंस्करण और किसानों के प्रोत्साहन पर देना होगा।'
चौधरी ने हैरानी जताते हुए कहा कि सरकार ने अपने बजट में डेयरी उद्योग के लिए जितने धन का प्रावधान किया है, उससे कई गुना ज्यादा धनराशि सब्सिडी का बकाया है। सहकारी डेयरी क्षेत्र में दुग्ध प्रसंस्करण के लिए दी जाने वाली मदद न मिलने से कई परियोजनाएं लंबित पड़ी हुई हैं। सहकारी संस्थाएं संकट में हैं, जिन्हें तत्काल राहत की जरूरत है। बता दें कि केंद्र सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए पशुधऩ को अहम मानती है। देश में दूध के किसान कई बार कीमतों को लेकर प्रदर्शन भीकर चुके हैं।
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