नई दिल्ली : तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने एक कार्यक्रम को संबोधन करने के दौरान मोहम्मद अली जिन्ना को लेकर बड़ा बयान दिया. उनका कहना है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की चाहत थी कि भारत का पहला पीएम मोहम्मद अली जिन्ना बने लेकिन महात्मा गांधी के मंसूबों पर भारत के पहले पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पानी फेर दिया और वे देश के शीर्ष पद पर आसीन हुए. दलाई लामा ने यह भी कहा कि महात्मा गांधी की जिन्ना को पहला प्रधानमंत्री बनाने की इच्छा पर गौर किया जाता तो भारत के टुकड़े भी नहीं होते.
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गोवा के पणजी से 40 किलोमीटर दूर गोवा प्रबंध संस्थान के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा ने यह बातें कही. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि मेरा मानना है कि सामंती व्यवस्था के बजाय प्रजातांत्रिक प्रणाली बहुत अच्छी होती है. महात्मा गांधी की सोच को लेकर उन्होंने कहा कि अगर उनकी सोच पर अमल किया होता तो आज भारत और पाकिस्तान अलग-अलग नहीं बल्कि एक होते.
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दलाई लामा ने देश के पहले पीएम पंडित नेहरू को लेकर कहा कि वह बेहद अनुभवी और बुद्धिमान व्यक्ति थी, लेकिन कभी-कभी गलतियां हो जाती है. उन्होंने अपनी जिंदगी के सबसे बुरे दिनों को भी इस दौरान याद किया. दलाई लामा ने कहा कि उन्हें उनके समर्थकों के साथ तिब्बत से निष्कासित कर दिया गया था. हालात लगातार ख़राब होते जा रहे थे और उन्होंने 17 मार्च 1959 की रात को फैसला लिया कि वह यहां नहीं रहेंगे और वे वहां से निकलकर आ गए.
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