नई दिल्ली: ऑल-पार्टी इंडियन पार्लियामेंट्री फोरम फॉर तिब्बत (APIPFT) ने तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की है। APIPFT ने केंद्र सरकार से एक प्रस्ताव के जरिए अपील की है कि दलाई लामा को भारत रत्न दिया जाए। फोरम ने सरकार से अनुरोध किया है कि दलाई लामा को भारत रत्न देने को लेकर भेजे गए प्रस्ताव को गंभीरता और सकारात्मक तौर पर लिया जाना चाहिए। भारत ने इससे पहले दो गैर-भारतीयों को अपने इस सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से नवाज़ा था।
बता दें कि, भारत रत्न से सम्मानित गैर-भारतीयों में फ्रंटियर गांधी के नाम से पहचाने जाने वाले पाकिस्तान के खान अब्दुल गफ्फार खान और नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला का नाम शामिल हैं। पाकिस्तानी अब्दुल गफ्फार खान को वर्ष 1987 में यह पुरस्कार मिला था। जबकि नेल्सन मंडेला को 1990 में इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। बता दें कि चीन के वर्ष 1959 में तिब्बत पर कब्जा करने के बाद दलाई लामा भारत आ गए थे और वह तब से ही यहीं रह रहे हैं।
APIPFT ने अमेरिका की तिब्बती पॉलिसी और सपोर्ट एक्ट की तर्ज पर एक नई पॉलिसी अख्त्यार करने का भी प्रस्ताव दिया है। इस फोरम में भाजपा सहित तमाम सियासी दलों के 20 से अधिक सांसद हैं। फोरम ने सभी सांसदों से स्थानीय अधिकारियों की सलाह से देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले तिब्बती लोगों के मुद्दों को संबोधित करने और मुद्दों को सुलझाने पर खास ध्यान देने का अनुरोध किया है। ऑल-पार्टी इंडियन पार्लियामेंट्री फोरम फॉर तिब्बत (APIPFT) का पुनरुद्धार गत वर्ष हुआ था और उस समय ही फोरम ने अपनी पहली बैठक की थी।
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